उत्तर प्रदेश में करीब आते विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति गरमाने लगी है। अयोध्या मेें हो रहे श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य पर राजनीति की छाया पड़ने लगी है। अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर जमीन खरीदने के दौरान अधिक कीमत देने का आरोप लगा है। आरोप है कि श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 2 करोड़ की जमीन 18 करोड़ में खरीदी है। बताया जा रहा है कि यह खरीदारी मात्र 10 मिनट में हुई है। जो जमीन 10 मिनट पहले 2 करोड़ की थी उसे ही 10 मिनट बाद 18 करोड़ बता कर खरीदा गया है। आरोप लगा है जमीन की खरीद में भ्रष्टाचार का और दावा किया जा रहा है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने दो करोड़ की जमीन साढ़े 18 करोड़ में खरीदी है। बहुत ही कम समय में पूरे घोटाले को अंजाम दिया गया है। सवाल सिर्फ पांच मिनट में जमीन के दाम में करोड़ों के हेरफेर का नहीं है। सवाल ये भी है कि आखिर ट्रस्ट ने किन वजहों यह जमीने इतने महंगे दामों में खरीदी और इसकी मंजूरी कब और कैसे मिली।
श्रीरामजन्म भूमि से पूरे देश की आस्था जुड़ी है। ट्रस्ट पर श्रीराम मंदिर निर्माण के काम का पूरा जिम्मा है। महंगी जमीन खरीदे जाने के इन आरोपों के साथ इस पर सियासत भी तेज हो गई है। विरोधी इसे रामभक्तों की आस्था का अपमान बता रहे हैं। दस्तावजों का हवाला देकर ट्रस्ट पर गंभीर आरोप लगाने वाले आम आदमी पार्टी के संजय सिंह भी पूरे मामले की जांच सीबीआई और ईडी से कराने की मांग कर रहे हैं। पूर्व मंत्री पवन पांडेय ने भी आरोप लगाए हैं।
ट्रस्ट ने दी सफाई
जमीन खरीद को लेकर लगाए गए आरोपों पर ट्रस्ट की ओर से सफाई भी दी गई है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव और विश्व हिंदू परिषद के नेता चंपत राय ने आधिकारिक पत्र जारी कर इन आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने कहा है कि वास्तु के अनुसार सुधार के लिए मंदिर परिसर के पूर्व और पश्चिम दिशा में यात्रा को सुलभ बनाने और मंदिर परिसर की सुरक्षा के लिए कुछ छोटे-बड़े मंदिर और गृहस्थों के मकान खरीदने जरूरी हैं। पास के लोगों का मकान खरीदा जाएगा। उन्हें पुनर्वास के लिए जमीनें भी दी जाएंगी। चंपत राय ने अपने पत्र में कहा कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने अभी तक जितनी जमीनें खरीदी हैं, वह खुले बाजार की कीमत से बहुत कम हैं। राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित होकर लोग भ्रम फैला रहे हैं। राम मंदिर का निर्माण पिछले साल अगस्त में शुरू हुआ था, तब से अबतक लगातार काम जारी है और अभी नींव का काम हो रहा है।