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अमेरिका-भारत सामरिक साझेदारी मंच बोला- PM मोदी की US यात्रा ने दिखाया प्रवासियों का उत्साह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) तीन दिवसीय दौरे पर अमेरिका ( US visit) गए हुए थे। अब इसी यात्रा पर अमेरिका-भारत सामरिक साझेदारी मंच (यूएसआईएसपीएफ) (US-India Strategic Partnership Forum (USISPF) ने बात की। उसने कहा कि पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा (American trip) प्रवासी भारतीयों के उत्साह, द्विपक्षीय साझेदारी में दोनों सरकारों के निरंतर आशावाद और लोगों के बीच की दोस्ती की गहराई को दिखाती है।

क्या कुछ किया पीएम मोदी ने?
बता दें, पीएम मोदी ने शनिवार को विलमिंगटन में क्वाड लीडर्स समिट में भाग लिया था। वहीं, रविवार को लॉन्ग आइलैंड में एक मेगा सामुदायिक कार्यक्रम में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के हजारों सदस्यों को संबोधित किया और सोमवार को संयुक्त राष्ट्र के समिट ऑफ द फ्यूचर को संबोधित किया। उन्होंने तीनों दिनों में विश्व नेताओं के साथ द्विपक्षीय चर्चा भी की।

USISPF ने यह कहा
यूएसआईएसपीएफ ने सोमवार को कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी की हालिया यात्रा के दौरान प्रवासी भारतीयों का उत्साह, साझेदारी में दोनों सरकारों की ओर से अविश्वसनीय आशावाद और लोगों की दोस्ती की गहराई देखने को मिला।

पीएम ने 13 हजार लोगों को किया संबोधित
प्रधानमंत्री ने मेगा ‘मोदी और यूएस’ सामुदायिक कार्यक्रम के दौरान 13,000 से अधिक भारतीय-अमेरिकियों से खचाखच भरे आइलैंड स्थित नासाउ वेटरन्स मेमोरियल कोलिजियम को संबोधित किया। आयोजकों के अनुसार, इनमें से अधिकतर न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी क्षेत्र से थे, भारतीय अमेरिकी 40 राज्यों से आए थे।

यूएसआईएसपीएफ ने भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए राष्ट्रपति बाइडन को धन्यवाद दिया। साथ ही इस बात पर प्रकाश डाला कि अमेरिका में पांच नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में जो भी उम्मीदवार जीतेगा, वह नई दिल्ली के साथ रणनीतिक संबंधों को प्रगाढ़ करना जारी रखेगा।

राष्ट्रपति के रूप में बाइडन की पीएम मोदी से यह अंतिम मुलाकात
अमेरिका-भारत सामरिक साझेदारी मंच ने यह भी कहा, ‘राष्ट्रपति के रूप में बाइडन की प्रधानमंत्री मोदी के साथ यह निश्चित रूप से अंतिम बैठक होगी। यह स्पष्ट है कि जनवरी 2025 में व्हाइट हाउस में जो भी आएगा, वह रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाना जारी रखेगा तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र को प्राथमिकता देगा।’

मंच ने कहा कि बाइडन और मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका-भारत व्यापक वैश्विक और रणनीतिक साझेदारी 21वीं सदी की निर्णायक साझेदारी है। दोनों नेताओं ने लोकतंत्रों के साझा हितों को रेखांकित किया। यह महत्वपूर्ण है कि 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने के लिए इन हितों को भी साझा प्राथमिकताओं में शामिल किया जाए।

‘दोनों देशों की रक्षा साझेदारी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्तंभ’
इस बात पर जोर देते हुए कि अमेरिका-भारत प्रमुख रक्षा साझेदारी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनी हुई है, यूएसआईएसपीएफ ने कहा कि यह साझेदारी महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी (आईसीईटी) पर पहल की सफलता और तत्पश्चात भारत-अमेरिका रक्षा त्वरण पारिस्थितिकी तंत्र (इंडस-एक्स) के साथ फलीभूत हुई है।

इससे होगा फायदा
आगे कहा, ‘अंतरिक्ष, अर्धचालक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम, जैव प्रौद्योगिकी और उन्नत दूरसंचार सहित प्रमुख प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में रणनीतिक सहयोग को गहरा करने और विस्तारित करने में ये महत्वपूर्ण रहे हैं, जैसा कि रविवार को प्रौद्योगिकी सीईओ के साथ प्रधानमंत्री की गोलमेज बैठक में देखा गया था। एक नया सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन स्थापित करने की योजना भारत की विनिर्माण क्षमता को फिर से तैयार करेगी, उच्च तकनीक क्षेत्र को बढ़ावा देगी और अमेरिकी निवेशकों को आकर्षित करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा और आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करेगी।’

चंद्रयान-3 की सफलता ने…
समूह के अनुसार, पिछले वर्ष चंद्रयान-3 की सफलता ने 2025 में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर आगे वैज्ञानिक अनुसंधान करने के लिए नासा और इसरो के बीच अधिक रणनीतिक और गहन अंतरिक्ष सहयोग का मार्ग प्रशस्त किया है।