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रूसी हमलों के बीच यूक्रेन पर नया संकट, जेलेंस्की के खिलाफ सड़क पर उतरे हजारों लोग

एक तरफ रूस(Russia) और यूक्रेन युद्ध(ukraine war) चौथे वर्ष में है और रूसी सेना(Russian army) का यूक्रेन पर हमला(Attack on Ukraine) लगातार बढ़ता जा रहा है। दूसरी तरफ यूक्रेन पर नया संकट खड़ा हो गया है। यूक्रेन की राजधानी कीव समेत देश के कई बड़े शहरों में मंगलवार को हजारों लोग राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के खिलाफ भारी प्रदर्शन में उतरे। इस संकट से बचने के लिए जेलेंस्की ने बुधवार को आपात बैठक बुलाई और अधिकारियों के साथ रणनीति पर चर्चा की।

यूक्रेन पर नया संकट क्या है?

प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि हाल ही में पारित भ्रष्टाचार विरोधी कानून दो अहम एजेंसियों नेशनल एंटी-करप्शन ब्यूरो (NABU) और स्पेशलाइज्ड एंटी-करप्शन प्रॉसिक्यूटर ऑफिस (SAPO) की स्वतंत्रता को कमजोर करता है और सरकार को भ्रष्टाचार छुपाने का फायदा पहुंचाएगा। इस कानून के तहत इन एजेंसियों पर दफ्तर आसन प्रॉसिक्यूटर जनरल की अधिक पकड़ बढ़ जाएगी, जिससे इनकी जांच प्रक्रिया प्रभावित होने का खतरा है।

सरकार के खिलाफ बड़ा जनाक्रोश

विरोध प्रदर्शन रूस के खिलाफ जारी 3 साल के युद्ध के बीच सरकार के खिलाफ पहला बड़ा जनाक्रोश है। प्रदर्शनकारियों ने जेलेंस्की सरकार पर अपने करीबी सहयोगियों को बचाने के लिए भ्रष्टाचार विरोधी संस्थाओं की स्वतंत्रता खत्म करने का आरोप लगाया। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल और यूरोपीय संघ की कुछ प्रमुख हस्तियों ने भी इस कानून की तीव्र आलोचना की है।

जेलेंस्की ने बुलाई आपात बैठक

जेलेंस्की ने विरोध के बीच इस कानून पर हस्ताक्षर कर दिया है, जिसके बाद तनाव बढ़ गया है। देश में बढ़ते विरोध को देखते हुए राष्ट्रपति ने बुधवार को भ्रष्टाचार विरोधी और सुरक्षा अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई है ताकि एक संयुक्त रणनीति बनाई जा सके।

इस राजनीतिक विवाद के बीच यूक्रेन के विशेषज्ञ मानते हैं कि भ्रष्टाचार से लड़ाई कमजोर पड़ने से देश की पश्चिमी समर्थन प्रतिबद्धताएं भी प्रभावित हो सकती हैं। ऐसे में संकट केवल सुरक्षा या युद्ध तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि आंतरिक शासन और लोकतंत्र के लिए भी गंभीर चुनौती बन गया है।