रूस-यूक्रेन (Russia–Ukraine) के बीच तीन साल से ज्यादा लंबे युद्ध (war) के बीच 23 जुलाई को इस्तांबुल (Istanbul) में अहम वार्ता होने वाली है, लेकिन वार्ता से ठीक पहले रूस ने यूक्रेन के सुमी क्षेत्र में एक पॉवर स्टेशन (Power Station) पर ड्रोन हमला (Drone attack) कर दिया, जिससे 220,000 लोग अंधेरे में डूब गए। हालांकि, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने बताया कि अधिकांश क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है।
यह हमला ऐसे वक्त में हुआ है जब दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल इस्तांबुल में आमने-सामने बैठने वाले हैं। इससे पहले मई और जून में हुई बैठकों में सिर्फ बंदियों और सैनिकों के शवों के आदान-प्रदान पर सहमति बन सकी थी।
वार्ता से पहले ही रूस बोला- डील बहुत मुश्किल
रूस ने इस बार की वार्ता को लेकर उम्मीदें काफी कम कर दी हैं। क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा, “कोई आसान रास्ता नहीं है, ये वार्ता बहुत मुश्किल होगी।” रूसी प्रतिनिधिमंडल मंगलवार दोपहर इस्तांबुल पहुंचा, जबकि यूक्रेन के प्रतिनिधियों ने इससे पहले अंकारा में तुर्की अधिकारियों से मुलाकात की।
यूक्रेन की ओर से इस वार्ता में दो प्रमुख मुद्दे रखे गए हैं—बंदियों की रिहाई और ज़ेलेंस्की तथा पुतिन के बीच संभावित बैठक की तैयारी। यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल के एक अधिकारी ने कहा कि अगर रूस अल्टीमेटम की भाषा छोड़कर रचनात्मक रुख अपनाता है, तभी इस बैठक से किसी ठोस नतीजे की उम्मीद की जा सकती है।
हालांकि रूस का कहना है कि ज़ेलेंस्की और पुतिन के बीच किसी भी बैठक से पहले कई स्तर की बातचीत और तैयारी की जरूरत है। दोनों नेताओं की पिछली मुलाकात 2019 में हुई थी।
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस को चेतावनी दे चुके हैं कि अगर उसने 50 दिनों के भीतर युद्ध नहीं रोका, तो कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाएंगे। लेकिन क्रेमलिन की ओर से किसी तरह का झुकाव अब तक नहीं दिखा है।