केंद्र सरकार ने बाजार को गति देने के लिए 30 लाख 70 हजार गैर राजपत्रित केंद्रीय कर्मचारियों को 3737 करोड़ रुपए का बोनस देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि उत्पादकता और गैर उत्पादकता से आधारित यह बोनस वित्त वर्ष 2019 – 20 के लिए होगा और इसकी अदायगी विजयदशमी से पहले हो जाएगी। बोनस का भुगतान कर्मचारियों के बैंक खातों में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय कर्मचारियों, रेलवे, डाक-तार, रक्षा उत्पाद, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन और कर्मचारी राज्य बीमा निगम के कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह पैसा मध्यम वर्ग के पास जाएगा और बाजार मे मांग में इजाफा होगा।
इससे पहले सरकार LTC कैश वाउचर स्कीम लेकर आई थी। जैसा कि हम जानते हैं लीव ट्रैवल कंपेनसेशन का फायदा 4 सालों के ब्लॉक में मिलता है। वह ब्लॉक इसी साल यानी 2020 में समाप्त हो रहा है। कोरोना के कारण लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। ऐसे में सरकार ने घोषणा की थी कि LTC का तीन गुना खर्च कर इसका फायदा उठाया जा सकता है। इसके अलावा 10 हजार रुपये के फेस्टिवल अडवांस की भी घोषणा की गई थी, जिसे सरकारी कर्मचारी उठा सकते हैं।
इसी के साथ सरकार ने बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत वर्ष 2020-21 में जम्मू कश्मीर में सेब की खरीद करने का निर्णय किया है। यह खरीद पिछले साल की शर्तों पर ही की जाएगी। राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड) राज्य एजेंसियों के सहयोग से सेब की खरीद करेगा। किसानों को उनके बैंक खातों में सेब मूल्य का हस्तान्तरण किया जाएगा। करीब 12 लाख टन सेब की खरीद इस योजना के तहत किया जा सकता है। सरकार ने नेफेड को 2500 करोड़ रुपये के गारंटी कोष का उपयोग करने की अनुमति दे दी है। यदि कोई नुकसान होता है तो केन्द्र और केन्द्र शासित प्रदेश आधी आधी राशि का वहन करेगा। स्थानीय प्रशासन मंडियों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करायेगा और खरीद प्रणाली की लगातार निगरानी की जाएगी।