त्रिस्तरीय पंचायतों के निर्वाचन क्षेत्रों (वार्डों) के आरक्षण की नीति का शासनादेश गुरुवार को तीन बजे जारी हो जाएगा। इसके आधार पर अगले एक माह में ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के वार्डों का आरक्षण निर्धारण होगा।
अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह दोपहर बाद तीन बजे पंचायतों में पदों के आरक्षण की नीति का खुलासा करेंगे। इसके लिए उन्होंने लोकभवन में प्रेस कांफ्रेस बुलाई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 17 मार्च तक आरक्षण प्रक्रिया पूरी करके 30 अप्रैल तक पंचायतों के चुनाव कराने के आदेश दिए हैं।
अदालत द्वारा तय अवधि में वार्डों के आरक्षण की कार्रवाई पूरी करने के लिए बृहस्पतिवार को आरक्षण नीति जारी की जाएगी। प्रदेश में अप्रैल माह में 58194 ग्राम पंचायतों, 731813 ग्राम पंचायत सदस्यों, 75855 क्षेत्र पंचायत सदस्यों, 3051 जिला पंचायत सदस्यों का चुनाव कराया जाएगा। इसके बाद 826 ब्लाक प्रमुखों व 75 जिला पंचायत अध्यक्षों का निर्वाचन होगा।
चक्रानुक्रम आरक्षण वाली नियमावली में 11वें संशोधन की अधिसूचना जारी
बता दें कि ग्राम पंचायतों के चक्रानुक्रम आरक्षण का रास्ता साफ करने के लिए पंचायत राज नियमावली में 11वें संशोधन की अधिसूचना जारी कर दी गई। कैबिनेट ने मंगलवार को ही नियमावली में संशोधन को मंजूरी दी थी। वर्ष 2015 के पंचायत चुनाव में यूपी पंचायतराज (स्थानों व पदों का आरक्षण व आवंटन) नियमावली में 10वां संशोधन किया गया था। अब 11वां संशोधन किया गया है। इसके बाद प्रदेश के उन चार जिले गोंडा, शामली, मुरादाबाद व गौतमबुद्धनगर में ग्राम पंचायतों के निर्वाचन क्षेत्र का आरक्षण नए सिरे से नहीं होगा, जिनमें ग्राम पंचायतों का पूर्म परिसीमन (पुनर्गठन) किया गया है। इनमें आरक्षण की कार्यवाही शेष 71 जिलों की तरह चक्रानुक्रम में ही होगी।
बता दें कि प्रदेश सरकार ने मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में कैबिनेट बाइ सर्कुलेशन प्रस्ताव को मंजूरी देकर त्रिस्तरीय ग्रामीण पंचायतों की नियामावली में संशोधन कर आरक्षण व्यवस्था संबंधी आदेश जारी करने की अड़चन दूर कर दी थी। इससे से ग्राम पंचायतों व ग्राम पंचायत सदस्यों के चक्रानुक्रम आरक्षण की कार्यवाही का रास्ता साफ हो गया है।