बिहार में विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2020) खत्म हो चुका है, और मंगलवार यानी 10 नवंबर को इसके नतीजे आने हैं. लेकिन इससे पहले ही महागठबंधन (Grand Alliance) में हलचल तेज हो गई है. इस समय बिहार में जो एग्जिट पोल (Bihar Exit poll) को लेकर नतीजे सामने आ रहे हैं वो, एनडीए सरकार को करारा झटका देने वाले हैं. एग्जिट पोल के मुताबिक बिहार के अगले सीएम का ताज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के सिर पर नहीं बल्कि तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के सिर पर सजते हुए दिखाई दे रहा है. लेकिन इस बीच नतीजों से पहले ही कहीं न कहीं कांग्रेस को अपने विधायकों के अलग होने का भी भय सताने लगा है.
नेताओं के टूटने के संकेत को लेकर अब कांग्रेस पहले से ही काफी एक्टिव हो गई है. जी हां विधायकों का एक मत करने के लिए कांग्रेस ने अपने दो दिग्गज नेताओं को पटना के लिए रवाना किया है. इसमें कांग्रेस पार्टी महासचिव अविनाश पांडेय और रणदीप सिंह सुरजेवाला (Randeep Singh Surjewala) का नाम शामिल है. बताया जा रहा है कि इन दोनों नेताओं को चुनाव नतीजों की घोषणा होने के बाद के हालात में प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपकर भेजा गया है.
सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी की माने तो एग्जिट पोल में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के बीच करीबी लड़ाई की आशंका जताई जा रही है. इसलिए कयास के हिसाब से विपक्ष खेमे से विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश की जा सकती है. ऐसे में इन हालात को देखते हुए इस बार पहले से ही दोनों वरिष्ठ नेताओं को पटना भेज दिया गया है. जानकारी की माने तो ये दोनों नेता अभी बिहार में ही रहेंगे साथ ही गठबंधन सहयोगियों के साथ मिलकर तालमेल बिठाने की पूरी कोशिश करेंगे.
गौरतलब है कि महागठबंधन में आरजेडी, कांग्रेस और वाम दल एक साथ हैं. तो वहीं दूसरी तरफ एनडीए में जेडीयू, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), जीतनराम मांझी की पार्टी हम, मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) शामिल है. यदि सूत्रों से मिल रही जानकारी सच साबित होती है और वाकई लड़ाई जारी रही और एनडीए बहुमत के लिए जरूरी 122 सीट के जादुई आंकड़े के आसपास पहुंचती है तो, विरोधी खेमे में सेंध लगाने का प्रयास जरूर हो सकता है. इसलिए बिना देरी किए कांग्रेस सारी सावधानियां बरत रही है. खैर चुनाव नतीजे में किसकी सरकार बनने वाली है, ये मंगलवार को पता चल जाएगा.