भारत में तेजी से क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज बढ़ता जा रहा है. नुकसान की परवाह किए बगैर देश के करोड़ों निवेशक क्रिप्टोकरेंसी में जमकर पैसा लगा रहे हैं. जहां एक तरफ निवेशकों में क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज बढ़ता ही जा रहा है, वहीं दूसरी ओर सरकारी एजेंसियां इसे लेकर लगातार सख्ती दिखा रही हैं. आरबीआई के बाद अब सेबी भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सख्त हो गया है.
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सख्त हुआ SEBI
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) लगातार क्रिप्टोकरेंसी पर सख्ती बनाए हुए है. खबरें आ रही हैं कि अब RBI के बाद SEBI (Securities and Exchange Board of India) भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सख्त हो गया है. जी हां, सेबी ने म्यूचुअल फंड के क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े प्रोडक्ट लाने पर रोक लगा दी है. शेयर बाजार नियामक ने साफ कर दिया है कि कोई भी म्यूचुअल फंड किसी क्रिप्टोकरेंसी प्रोडक्ट में निवेश नहीं कर सकता है.
सेबी ने ही क्रिप्टो से जुड़े NFO को दी थी मंजूरी
बताते चलें कि सेबी ने खुद क्रिप्टो से जुड़े एक न्यू फंड ऑफर (NFO) को मंजूरी दी थी. लेकिन अब सेबी चाहता है कि जब तक सरकार कानून नहीं बना देती, तब तक क्रिप्टो से जुड़ा कोई NFO न आए. सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने कहा कि जब तक सरकार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर स्पष्ट रेगुलेशन नहीं ले आती, तब तक कोई भी म्यूचुअल फंड क्रिप्टो से जुड़ा फंड न लाए और न ही क्रिप्टो के निवेश वाले किसी अन्य फंड में पैसा लगाए.
बिना सरकारी नियमों के धड़ल्ले से पैसा निवेश कर रहे लोग
सेबी के इस बयान के बाद उन म्यूचुअल फंड्स को जबरदस्त झटका लगा है, जो क्रिप्टो से जुड़े फंड लाने की तैयारी में जुटे हुए थे. बताते चलें कि भारत सरकार ने अभी तक क्रिप्टोकरेंसी को किसी तरह की मान्यता नहीं दी है और न ही इसे लेकर कोई नियम बनाए गए हैं. इसके बावजूद भारत में करोड़ों लोग क्रिप्टो में मोटा मुनाफा कमाने के चक्कर में धड़ल्ले से निवेश कर रहे हैं.
खबर के मुताबिक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों को बीमा सुरक्षा नहीं मिल सकती है. इसके अलावा RBI भी क्रिप्टो को लेकर चेतावनी जारी कर चुका है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने साल 2018 में क्रिप्टो पर बैन लगाने की कोशिश की थी. जिसके बाद ये मामले सुप्रीम कोर्ट में चला गया था. कोर्ट ने सरकार को क्रिप्टो से जुड़े नियम बनाने की बात कहकर इस पर रोक लगा दी. जिसके बाद अब क्रिप्टोकरेंसी का पूरा मामला संसद में चल रहा है.