सऊदी अरब (Saudi Arabia) के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (Crown Prince Mohammed bin Salman) ने कहा है कि वो उदार इस्लाम (Islam) टर्म का इस्तेमाल नहीं करते क्योंकि इससे अतिवादी खुश होते हैं. उन्होंने कहा कि अगर हम इस शब्द का इस्तेमाल करते हैं तो लगता है कि सऊदी अरब (Saudi Arabia) और बाकी मुस्लिम देशों (Muslim Countries) में इस्लाम को बदला जा रहा है.
क्राउन प्रिंस से जब पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि जिस उदार इस्लाम को अब सऊदी अरब में आगे बढ़ाया जा रहा है, वो पूरी तरह से अलग है? जवाब में उन्होंने कहा, ‘मैं उदार इस्लाम टर्म का इस्तेमाल नहीं करता. इससे अतिवादी और आतंकवादी खुश होते हैं. अगर हम इस शब्द का इस्तेमाल करते हैं तो लगता है कि सऊदी अरब और बाकी मुस्लिम देशों में इस्लाम को बदला जा रहा है जो कि सच नहीं है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘हम इस्लाम की असली शिक्षा की तरफ लौट रहे हैं. यही पैगंबर का दिखाया रास्ता है और इसी रास्ते को चार खलीफाओं ने अपनाया था. यह रास्ता आजाद और शांतिपूर्ण समाज का है. उनके राज में ईसाई और यहूदी भी मिलकर रहते थे. उन्होंने हमें सभी संस्कृतियों और धर्मों को सम्मान करना सिखाया है. यही सबसे सही रास्ता है और हम उसी की ओर लौट रहे हैं.’सऊदी क्राउन प्रिंस ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन पर भी बात की. उन्होंने कहा कि कई बातों को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति उन्हें गलत समझते हैं लेकिन उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. प्रिंस सलमान ने ‘द अटलांटिक’ से बातचीत में कहा कि बाइडन अमेरिकी हितों को ध्यान में रखकर उनके बारे में ऐसी सोच रखते हैं. उन्होंने आगे कहा, ‘हमें अमेरिका में आपको इस बारे में लेक्चर देने का अधिकार नहीं है. यही बात दूसरी तरफ भी लागू होती है.’
बतादें कि जनवरी 2021 में जो बाइडन के सत्ता में आने के बाद से दुनिया के शीर्ष तेल निर्यातक सऊदी अरब और अमेरिका के बीच लंबे समय से चली आ रही रणनीतिक साझेदारी बेहद कम हो गई. जो बाइडन सऊदी अरब के मानवाधिकार रिकॉर्ड के बड़े आलोचक रहे हैं और उन्होंने सत्ता में आने के बाद से सऊदी के साथ अमेरिका की साझेदारी को कम कर दिया.
यमन युद्ध और साल 2018 में सऊदी के पत्रकार जमाल खाशोज्जी की तुर्की के सऊदी दूतावास में हत्या के बाद से ही सऊदी अरब का मानवाधिकार रिकॉर्ड खराब हुआ है. ट्रंप सरकार के समय सऊदी अरब और अमेरिका के रिश्ते काफी बेहतर स्थिति में थे. अमेरिका की सरकार ने उस वक्त खाशोज्जी की हत्या में शामिल होने के आरोप में सऊदी के 17 लोगों पर प्रतिबंध लगाए थे लेकिन क्राउन प्रिंस सलमान पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई. उन पर ये आरोप लगते रहे हैं कि उनके इशारे पर ही खाशोज्जी की हत्या की गई क्योंकि वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खाशोज्जी सऊदी शासन के कटु आलोचक थे.
जो बाइडन के सत्ता में आने के बाद खाशोज्जी की हत्या को लेकर साल 2021 में एक खुफिया रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी जिसमें कहा गया था कि खाशोज्जी की हत्या प्रिंस सलमान के कहने पर और उनकी सहमति के बाद की गई थी. प्रिंस सलमान से जब इस रिपोर्ट को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने खाशोज्जी की हत्या में शामिल होने से इनकार किया. साथ ही अमेरिका में कैद सऊदी अरब के राजनीतिक कैदियों की रिहाई की भी मांग की.
उन्होंने द अटलांटिक से कहा कि खाशोज्जी की हत्या को लेकर उन पर जो आरोप लगाए गए, उससे उनके अधिकारों का हनन हुआ है. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि मानवाधिकार कानून मुझ पर लागू नहीं किया गया जबकि मानवाधिकारों की घोषणा के अनुच्छेद 11 में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति दोषी साबित होने तक निर्दोष है.’ खाशोज्जी की हत्या ने सऊदी अरब की उस सुधारवादी छवि को धूमिल कर दिया, जिसे क्राउन प्रिंस पश्चिमी देशों में बनाना चाहते थे. इस हत्या के बाद पश्चिमी देशों में उनकी काफी आलोचना हुई.
प्रिंस सलमान तेल आधारित अपनी अर्थव्यवस्था में विविधता लाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं और उन्होंने इसके लिए देश के कई कठोर कानूनों में सुधार कर उसे उदार बनाया है. हालांकि, वो फिर भी व्यापक राजनीतिक सुधारों के पक्ष में नहीं है. उनसे पूछा गया कि क्या सऊदी अरब का राजशाही शासन एक संवैधानिक राजतंत्र में बदल सकता है? जवाब में उन्होंने कहा, ‘नहीं…. सऊदी अरब शुद्ध राजशाही पर आधारित है.’ प्रिंस मोहम्मद ने कहा कि सऊदी का उद्देश्य हमेशा से अमेरिका के साथ अपने लंबे, ऐतिहासिक संबंधों को बनाए रखना और मजबूत करना था. उन्होंने जानकारी दी कि अमेरिका में सऊदी अरब ने 800 अरब डॉलर का निवेश किया है.
वहीं, सऊदी अरब की समाचार एजेंसी सऊदी प्रेस एजेंसी से बातचीत में प्रिंस सलमान ने कहा है कि सऊदी अमेरिका से अपने निवेश को कम भी कर सकता है. उन्होंने कहा, ‘जिस तरह हमारे पास अपने हितों को बढ़ावा देने की संभावना है, हमारे पास उन्हें कम करने की भी संभावना है.’ डोनल्ड ट्रंप के साथ प्रिंस सलमान के अच्छे रिश्ते थे लेकिन बाइडन के साथ उनके रिश्ते ठीक नहीं माने जाते हैं. बाइडन ने सत्ता में आने के बाद से प्रिंस सलमान से बात भी नहीं की है.