आम जनता पेट्रोल-डीजल (Petrol Diesel) की बढ़ती कीमतों से खासा परेशान हैं. कई शहरों में पेट्रोल के दाम 100 रुपये पार पहुंच चुके हैं. ऐसे में जनता को महंगाई से राहत दिलाने के लिए महाराष्ट्र सरकार के साथ-साथ दिल्ली सरकार भी बड़ा कदम उठाने जा रही है. सरकार ने पेट्रोल-डीजल को जीएसटी (GST) के दायरे में लाने की मांग की है. इस संबंध में राज्य के डिप्टी चीफ मिनिस्टर अजित पवार का कहना है कि अगर जीएसटी दायरे में पेट्रोल-डीजल को लाया जाता है तो इससे सिर्फ राज्य को नहीं बल्कि केंद्र को भी फायदा मिलेगा. साथ ही साथ जनता को महंगाई से राहत मिलेगी. पवार ने कहा कि अगर केंद्र तेल को जीएसटी में लाने पर विचार कर रही है और इस पर फैसला लेती है तो उन्हें महाराष्ट्र सरकार का पूरा समर्थन मिलेगा.
कितनी आएगी गिरावट?
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से हर कोई परेशान है. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी दायरे में लाया जाता है तो लोगों को कितनी राहत मिलेगी और तेल की कीमतें कितनी कम होंगी. इस बारे में मनी कंट्रोल की खबर के अनुसार अगर केंद्र पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के अंतर्गत लेकर आती है तो 25 रुपये तक की गिरावट आ सकती है. इस हिसाब से देखा जाए तो एकदम से 25 रुपये अगर कम होते हैं तो यकीनन आम जनता के बजट में सुधार आएगा.
केजरीवाल ने भी रखी मांग
महाराष्ट्र सरकार तो इस मामले पर केंद्र का समर्थन करने को तैयार है. साथ ही दिल्ली सरकार भी पेट्रोल-डीजल को जीएसटी दायरे में लाना चाहती है. इस बारे में राज्य के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने विधानसभा में कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल पेट्रोल-डीजल को GST दायरे में लाने की मांग रख चुके हैं. उनका कहना है कि केंद्र सरकार से अब इस मामले पर आगे बात की जानी चाहिए. सरकार के इस फैसले पर आम आदमी पार्टी के विधायक साथ देंगे. इस एक फैसले से पूरे देश को फायदा मिलेगा.
कितनी हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें
लगातार बढ़ती कीमतों पर पिछले 12 दिनों से ब्रेक लगा हुआ है. मगर आम आदमी को हर दिन यही चिंता सताती है कि कौन-से दिन कीमतों में बढ़ोतरी हो जाए. क्योंकि तेल की कीमतें वाकई आसमान छू रही हैं. एक तो कोरोना के कारण कई लोग बेरोजगार हो गए हैं और कई लोगों की आर्थिक स्थिति डगमगा गई है. ऐसे में महंगाई की मार पड़ने से अधिकतर लोग परेशान हैं. बढ़ती कीमतों पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, RBI गवर्नर शक्तिकांता दास से लेकर पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान तक चिंता व्यक्त कर चुके हैं. लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.
फरवरी माह में पेट्रोल 04.74 रुपये महंगा हुआ. जिस कारण सभी मेट्रो शहरों की तुलना में मुंबई में सबसे ज्यादा महंगा बिक रहा है. यहां एक लीटर पेट्रोल की कीमत 97.57 रुपये हो गई है. जबकि बाकी शहरों में पेट्रोल के रेट ऑल टाइम हाई है. ऐसे में देखना होगा कि कब तक केंद्र सरकार इन बढ़ी हुई कीमतों से आम आदमी को राहत दिलाती है.