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पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा के नेतृत्व में किसानों का काफिला गाजीपुर बॉर्डर, सिंधु बॉर्डर व चिल्ला बॉर्डर के लिए हुआ रवाना

रिर्पोट :- गौरव सिंघल, वरिष्ठ संवाददाता, सहारनपुर मंडल।
देवबंद (दैनिक संवाद न्यूज ब्यूरो)। पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा के नेतृत्व में किसानों का काफिला आज गाजीपुर बॉर्डर सिंधु बॉर्डर व चिल्ला बॉर्डर के लिए रवाना हो गया। दिल्ली रवाना होने से पहले किसानों को संबोधित करते हुए पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने कहा कि आज देश का अन्नदाता किसान सबसे अधिक कठिन दौर से गुजर रहा है। भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार ने तीन कृषि काले कानून लाकर देश के अन्नदाता किसानों को बर्बादी के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। भारत एक कृषि प्रधान देश है।
भारत के किसानों और खेती को मजबूत करके ही देश को आगे ले जाया जा सकता है। राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने कहा कि देश में एक ही कानून की आवश्यकता है और वह है देश के अन्नदाता किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य दिलाया जाए। आज देश के किसानों को लाभकारी मूल्य तो दूर उन्हें लागत मूल्य भी नहीं दिया जा रहा हैं। जिसके कारण देश का अन्नदाता किसान भारी कर्ज में डूब गया है। देश के अन्नदाता किसानों को बचाने के लिए गन्ने का लाभकारी रेट 600 रूपए  कुंतल तत्काल घोषित कराया जाए व चीनी मिलों से पिछले वर्ष का गन्ना भुगतान ब्याज सहित दिलाया जाए। गेहूं का रेट कम से कम 5000 रूपए कुंतल किया जाए। एक कुंतल गेहूं का आटा एक समय में 1000 लोगों का भोजन है।
इससे सस्ता क्या हो सकता है। भगत सिंह वर्मा ने बासमती धान का रेट 6000 रूपए कुंतल करने की केंद्र सरकार से मांग की है। उन्होंने कहा कि कृषि प्रधान देश में दुर्भाग्य की बात है कि देश के अन्नदाता किसान अपना खेतों और घरों का कार्य छोड़कर खुली छत के नीचे दिल्ली में डेरा जमाए हुए है। देश के प्रधानमंत्री को किसानों की चिंता छोड़ कर कारपोरेट घरानों की चिंता है यह दुर्भाग्यपूर्ण है। राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने कहा कि भाजपा की प्रदेश और केंद्र सरकार किसान व गरीब विरोधी हैं। उन्हें कारपोरेट घरानों व बॉलीवुड की चिंता है। समय रहते यदि दिल्ली में जमे लाखों किसानों की सभी समस्याएं केंद्र सरकार ने तत्काल हल ने की तो भाजपा को इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
इस बार देश का अन्नदाता किसान सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में है। किसानों को संबोधित करते हुए पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के प्रदेश महामंत्री वाजिद अली त्यागी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रदेश सरकार ने अभी तक गन्ने का लाभकारी रेट 600 रूपए कुंतल घोषित नहीं किया है और ना ही पिछले वर्षों का गन्ना भुगतान ब्याज सहित कराया है। वाजिद अली त्यागी ने कहा कि अच्छा रहेगा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अन्नदाता किसानों को बुलाकर ससम्मान देश में किसान विरोधी तीन कृषि काले कानूनों को वापस कराकर देश के किसानों की भलाई के लिए डॉक्टर एम एस स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू कराए। इसी से किसानों को उसकी फसलों का लाभकारी मूल्य मिलेगा। पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा के साथ प्रदेश सचिव विनोद सैनी, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी, मंडल अध्यक्ष सरदार गुरविंदर सिंह बंटी, मोहम्मद मुर्तजा त्यागी, इंतजार त्यागी, नीरज सैनी, नैन सिंह सैनी, सुभाष त्यागी, रविंद्र प्रधान, हरपाल सिंह, हाजी सुलेमान, मोहम्मद फारुख आदि किसान दिल्ली किसानों के आंदोलन के लिए रवाना हुए।