पंजाब को एक सुरक्षित राज्य बनाने के अभियान के दौरान कमिश्नरेट पुलिस (सीपी) अमृतसर ने पाकिस्तान आधारित हरविंदर रिंदा और विदेश आधारित हैपी पासियन, जीवन फौजी और जशनप्रीत सिंह उर्फ़ लाल द्वारा संचालित सीमापार आतंकवादी मॉड्यूल के 4 मुख्य संचालकों सहित 10 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर बटाला क्षेत्र में पुलिस विभाग पर संभावित ग्रेनेड हमले को टालने में सफलता प्राप्त की है। पंजाब पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि गिरफ्तार किए गए चार मुख्य अपराधियों की पहचान अर्जुनप्रीत सिंह निवासी अवान रामदास, अमृतसर; लवप्रीत सिंह उर्फ़ लव निवासी पेरेवाल, अमृतसर; बसंत सिंह और अमनप्रीत सिंह उर्फ़ अमन दोनों निवासी बाबा बकाला साहिब, अमृतसर के रूप में हुई है। इसके अलावा, लॉजिस्टिक सहायता देने वाले छह हैंडलरों की पहचान भी की गई है, जिनमें बरींदरपाल सिंह उर्फ़ मनी और राजबीर सिंह उर्फ़ राजू दोनों निवासी कटेल, अमृतसर; विश्वास मसीह उर्फ़ भंबो निवासी भागनपुरा, अमृतसर; दिलप्रीत सिंह उर्फ़ मन्ना, हरजोत कुमार उर्फ़ मीतू और जोएल मसीह उर्फ़ रोहन उर्फ़ नोनी, तीनों निवासी डेरा बाबा नानक, बटाला शामिल हैं।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि पुलिस टीमों ने उनके कब्जे से दो .30 बोर और एक .32 बोर पिस्तौल, एक हैंड ग्रेनेड और एक ड्रोन भी बरामद किया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में आगे की जांच जारी है ताकि इसके पीछे के अन्य संबंधों का पता चल सके। सीपी अमृतसर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने जानकारी दी कि मॉड्यूल की गतिविधियों के बारे में मिली विश्वसनीय जानकारी पर कार्रवाई करते हुए अमृतसर कमिश्नरेट ने अमृतसर ग्रामीण, बटाला और अमृतसर शहर के रामदास क्षेत्र सहित विभिन्न क्षेत्रों से सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि यह बरामदगी डेरा बाबा नानक के गांव खाना चमारा, रामदास के गांव अवान और अमृतसर शहर के वल्ला क्षेत्र से की गई है। सीपी ने बताया कि दोनों आरोपी बसंत सिंह और अमनप्रीत सिंह उर्फ़ अमन की गिरफ्तारी से अमृतसर कमिश्नरेट पुलिस ने 28 नवंबर, 2024 को बटाला में पुलिस अधिकारी के आवास पर हुए हमले का मामला भी सुलझा लिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस टीमों ने इस मॉड्यूल के दूसरे मुख्य संचालक की पहचान भी कर ली है और पुलिस टीमें उसे पकडऩे के लिए छापेमारी कर रही हैं।
इस संबंध में थाना छावनी, अमृतसर में भारतीय दंड संहिता (बी.एन.एस.) की धाराओं 111(1), 111(2), 111(3), 111(4), 249 और 253, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यू.ए.पी.ए.) की धाराओं 13, 16, 17, 18, 19 और 20 और शस्त्र अधिनियम की धाराओं 25(6) और 25(7) के तहत एफआईआर नंबर 191 दिनांक 03.12.2024 को मामला दर्ज कर लिया गया है।