दक्षिण कोरिया (South Korea) के राष्ट्रपति यून सुक योल (President Yoon Suk Yeol) ने शनिवार को देश की जनता से माफी मांगी। उन्होंने देर रात देश को संबोधित करते हुए कहा कि मैं सिर झुकाकर लोगों से अपने फैसले के लिए माफी मांगता हूं। मैंने सब कुछ अपनी पार्टी पर सौंप दिया है। अब जैसा पार्टी तय करेगी, वैसा ही मैं करूंगा।
दरअसल, इस हफ्ते राष्ट्रपति ने देश में मार्शल लॉ लागू किया था। मार्शल लॉ सिर्फ छह घंटों तक ही लागू रहा, क्योंकि नेशनल असेंबली (संसद) में मतदान कराया गया और राष्ट्रपति के आदेश को पलट दिया गया। इसके बाद से ही वह मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी और कुछ अन्य छोटे दलों के निशाने पर हैं। उनके खिलाफ महाभियोग भी लाया गया है। आइए पढ़ते हैं उनका पूरा संबोधन…
उन्होंने कहा, ‘मेरे साथी नागरिकों, मैंने 3 दिसंबर को रात 11 बजे आपातकालीन मार्शल लॉ घोषित किया था। लगभग दो घंटे बाद 4 दिसंबर को लगभग एक बजे मैंने मार्शल लॉ हटाने का आदेश दिया। मैंने सशस्त्र बलों को वापस बुला लिया। ऐसा मैंने नेशनल असेंबली के प्रस्ताव के हिसाब से किया। इसके बाद मैंने देर रात कैबिनेट की बैठक बुलाई और मार्शल लॉ हटा दिया।’
उन्होंने कहा, ‘राष्ट्र के प्रमुख के रूप में हताशा के कारण मार्शल लॉ की घोषणा की गई थी, लेकिन इस प्रक्रिया में लोगों को चिंता और परेशानी हुई। मुझे इसके लिए गहरा खेद है। मैं उन लोगों से ईमानदारी से माफी मांगता हूं, जिसे इससे तकलीफ हुई। मैं मार्शल लॉ की इस घोषणा के लिए अपनी कानूनी और राजनीतिक जिम्मेदारी से नहीं बचूंगा। मार्शल लॉ को फिर से लागू करने की बात चल रही है, लेकिन मैं स्पष्ट कर दूं कि दूसरा मार्शल लॉ कभी नहीं होगा।’
उन्होंने कहा, ‘मेरे साथी नागरिकों, मैं अपने कार्यकाल सहित देश को स्थिर करने का काम अपनी पार्टी को सौंपूंगा। भविष्य में देश के मामलों के प्रबंधन के लिए मेरी पार्टी और सरकार जिम्मेदार होगी। मैं एक बार फिर सिर झुकाकर लोगों को हुई परेशानी के लिए माफी मांगना चाहता हूं।’
योल ने मार्शल लॉ लगाने की क्या वजह बताई थी?
यून सुक योल ने बताया था कि उन्होंने मार्शल लॉ का एलान देश के उदार लोकतंत्र की ‘सत्ता-विरोध ताकतों और ‘उत्तर कोरिया की तरफ से खड़े हो रहे खतरों’ से सुरक्षा करने के लिए किया। हालांकि, उन्होंने अपने फैसले पर इसके आगे कोई जानकारी नहीं दी। इस बीच अंदाजा लगाया जा रहा था कि योल की असल नाराजगी दक्षिण कोरिया की विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी से है, जिसने हाल ही में देश के अगले साल खर्च के लिए तय 677 ट्रिलियन वॉन के बजट से 4.1 ट्रिलियन वॉन की कटौती की है। इस पर राष्ट्रपति ने कहा था कि विपक्ष ने देश चलाने के लिए सभी अहम जरूरतों के खर्च में कटौती करना शुरू कर दिया है।
योल के लिए अब आगे क्या?
इस पूरे घटनाक्रम के बाद अब राष्ट्रपति यून सुक योल पर दबाव बढ़ता जा रहा है। विपक्षी पार्टियों ने उन्हें अल्टीमेटम दिया है कि या तो वे अपने पद से इस्तीफा दें या महाभियोग की कार्यवाही का सामना करने के लिए तैयार रहें। दक्षिण कोरिया के मुख्य मजदूर संघ ने योल के इस्तीफे तक अनिश्चितकाल हड़ताल का एलान किया है। संघ ने उन पर लोकतंत्र विरोधी कदम उठाने के आरोप लगाया है। वहीं, राष्ट्रपति योल की खुद की पीपुल्स पावर पार्टी (पीपीपी) ने उनके मार्शल लॉ लगाने के कदम को भयानक करार दिया है और मांग की है कि इस फैसले से जुड़े लोगों की जिम्मेदारी तय हो।