कुछ ऐसी जगहें होती हैं, जिन्हें हम ऐतिहासिक मानते हैं. इतिहास की गर्त से खोदकर उन्हें पुरातत्व वैज्ञानिक हमारे सामने पेश कर देते हैं. दुनिया की कुछ ऐसी ही ऐतिहासिक विरासतों में से एक गीज़ा की मीनार भी है. दो वैज्ञानिकों ने हाल ही में Khafre Pyramid के नीचे सिंथेटिक एपर्चर रेडार का इस्तेमाल करके कुछ ऐसा ढूंढ निकाला है, जो दुनिया को चौंकाने के लिए काफी है.
जिस जगह को हज़ारों साल से लोग सिर्फ मीनार समझ रहे थे, वो दरअसल एक प्राचीन शहर का ऊपरी हिस्सा निकला. Corrado Malanga और Filippo Biondi नाम के शोधकर्ताओं ने इसके 6500 फीट नीचे एक गुम हो चुके शहर को ढूंढ लिया है, जो किसी पाताल लोक से कम नहीं है. द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक मीनारों से दो किलोमीटर नीचे का स्कैन कुछ अलग ही कहानी कहता है.
मीनार के नीचे मौजूद है ‘पाताल लोक’
डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक 15 मार्च को इससे जुड़ा हुआ एक शोधपत्र और प्रेस स्टेटमेंट जारी किया गया है. Khafre Pyramid के नीचे कुल 5 बहुमंज़िला स्ट्रक्चर मिले हैं, जिन्हें बाहर निकलने वाले रास्तों से जोड़ा गया है. यहां पर 8 कुएं भी हैं, जिनके किनारे-किनारे सीढ़ियां बनी हुई हैं. इतना ही नहीं 2 क्यूब शेप के चैंबर हैं, जो 80 मीटर के हैं. चूंकि अब तक इन मीनारों को रजवाड़ों से जोड़ा जाता रहा है, ऐसे में ये खोज पूरी तरह से स्वीकार नहीं की जा रही है. माना जा रहा है कि ये ऊर्जा संयत्र हो सकता है.
पहले भी हो चुकी है खोज
वैज्ञानिकों ने पहले भी इन मीनारों में से इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स के बारे में दावा किया था. इसे लेकर रिटायर्ड एयरोस्पेस इंजीनियर क्रिस्टोफर डन ने मिस्र के लोगों की कार्यपद्धति के बारे में बताते हुए कहा था कि गीजा की मीनारें दरअसल पावर प्लांट की तरह काम करती थीं. उन्होंने 30 साल इस पर काम करके विश्लेषण किया था, जिसके बाद वो इससे जुड़ी बहुत सी चीज़ें बता पाए. हालांकि ये नई खोज काफी अनोखी और चौंकाने वाली है.