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BJP का फिर बढ़ सकता है कुनबा, और नए दल थामेंगे NDA का दामन

अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी (BJP) तीसरी बार सत्ता पर काबिज होने का दावा कर रही है तो लगातार दो बार से मात खा रहा विपक्ष इस बार करो या मरो के मूड में दिख रहा है। विपक्ष को एड़ी-चोटी का जोर लगाते देखकर बीजेपी (BJP) ने भी अपने गठबंधन दलों (Coalition parties) का कुनबा बढ़ाने पर गंभीरता से कदम बढ़ा दिया है। दोनों खेमों के बीच अपनी-अपनी ताकत बढ़ाने की पुरजोर कोशिशों की जा रही है।

जानकारी के लिए बता दें कि लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लगातार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का कुनबा बढ़ा रही है। दो और दलों के शामिल होने की संभावना है। इनमें एक पार्टी बिहार से और दूसरी उत्तर प्रदेश से एनडीए में शामिल हो सकती है।

बिहार में बीजेपी की चर्चा मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और उत्तर प्रदेश में महान दल से हो रही है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, “बिहार बीजेपी के दो नेता मुकेश सहनी के नेतृत्व वाली वीआईपी के साथ बातचीत कर रहे हैं। वहीं, बीजेपी ने भी महान दल से भी संपर्क किया है।” उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के पास भारी वोट शेयर है और बिहार में भी अच्छा मत प्रतिशत है, लेकिन दोनों राज्यों में सत्तारूढ़ गठबंधन को मजबूत करने के लिए क्षत्रपों को जगह दे रही है।आपको बता दें कि फिलहाल एनडीए में 38 पार्टियां हैं, लेकिन उनमें से कई ने अपनी स्थापना के बाद से एक भी लोकसभा सीट नहीं जीती है। इनमें 10 पार्टियां ऐसी हैं, जिन्होंने पिछला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था। 15 दलों ने चुनाव लड़ने के बावजूद संसद के किसी भी सदन में कोई सांसद नहीं बना पाया।

 

26 विपक्षी दलों ने जब एक संयुक्त मोर्चे का ऐलान किया, इसके बाद एनडीए का भी विस्तार हुआ है। बीजेपी ने एनडीए की बैठक बुलाई। पिछले कुछ सालों में संस्थापक सदस्यों शिरोमणि अकाली दल और शिव सेना जैसे दलों ने साथ छोड़ दिया था।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि 2024 का चुनाव लड़ने के लिए विपक्षी दलों के एक साथ आने के बाद भाजपा को एनडीए को फिर से जीवंत करने की आवश्यकता का एहसास हुआ। उन्हें इस बात का संदेह है कि जिस तरह से एनडीए का विस्तार हुआ है उसी तरह से वोट प्रतिशत में भी इजाफा होगा।

अकाली दल और टीडीपी में एनडीएम में वापसी की सुगबुगाहट हुई थी, लेकिन अभी तक कोई ठोस बात सामने नहीं आई है। इस बीच जेडीएस ने कर्नाटक विधानसभा में बीजेपी के साथ मिलकर काम करने का फैसला किया है।