कोविड के ओमीक्रॉन वेरिएंट से बचाव के लिए पूरे देश को अलर्ट कर दिया गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा ओमीक्रॉन वेरिएंट को डेल्टा के मुकाबले ज्यादा खतरनाक और तेजी से फैलने वाला बताया गया है. इस खतरे को देखते हुए भारत में सभी एयरपोर्ट्स पर सतर्कता बढ़ा दी गई है. सरकार ने विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए आज से कड़े नियम लागू कर दिए हैं. अंतरराष्ट्रीय यात्रियों, खासतौर पर जोखिम वाले देशों से आने वालों के लिए आज से कड़े नियम लागू हो गए हैं.
भारत में ओमीक्रॉन का एक भी मामला अब तक सामने नहीं आया है, हालांकि केंद्र सरकार ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से जोखिम वाले देशों से यात्रियों के आने के पहले दिन ही आरटी-पीसीआर जांच सुनश्चित करने तथा 8वें दिन फिर से जांच करने को कहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को राज्यों को ढिलाई नहीं करने और विभिन्न हवाई अड्डों, बंदरगाहों तथा भू-सीमा से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की कड़ी निगरानी करने की सलाह दी.
क्या हैं नए नियम? नए नियमों के तहत, आरटी-पीसीआर जांच जोखिम ग्रस्त देशों से आने वाले यात्रियों के लिए अनिवार्य हैं और जांच के नतीजे आने पर ही उन्हें हवाई अड्डा से बाहर जाने की अनुमति दी जाएगी. साथ ही, अन्य देशों से उड़ानों से आने वाले यात्रियों में से पांच प्रतिशत की कोविड-19 की जांच की जाएगी. प्राधिकारी मंगलवार मध्य रात्रि से नये नियम लागू करने के लिए तैयार है. इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सलाह दी है कि जोखिम वाले देशों से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्री आरटी-पीसीआर जांच के नतीजे आने तक हवाई अड्डे पर ही इंतजार करने के लिए तैयार रहें और वहां से अन्य स्थान के लिए पहले से संपर्क उड़ान बुक नहीं करें. इसके अलावा, मंत्रालय ने राज्यों को पुष्टि हो चुके सभी नमूने जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए संबद्ध इन्साकॉग प्रयोगशाला फौरन भेजने को कहा है.
हवाई यात्रा के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट जरूरी
जहां कोविड के नए स्वरूप के मामले मिले हैं उन देशों को उच्च जोखिम वाली सूची में रखा गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के संशोधित दिशा-निर्देशों के मुताबिक, जोखिम श्रेणी वाले देशों से आने वाले या उन देशों से होकर भारत पहुंचने वाले यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर जांच अनिवार्य कर दी गई है. साथ ही तब तक यात्री को हवाई अड्डा छोड़ने या कनेक्टिंग उड़ान में सवार होने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जब तक नमूने की जांच के नतीजे प्राप्त नहीं हो जाते.
मंत्रालय ने कहा कि ‘जोखिम’ श्रेणी वाले देशों के अलावा अन्य देशों से आने वाले लोगों को हवाई अड्डे से जाने की अनुमति रहेगी, हालांकि ऐसे यात्रियों को भी 14 दिन तक स्वयं अपने स्वास्थ्य की निगरानी करनी होगी.
कम जोखिम वाले देशों के यात्रियों की भी जांच
मंत्रालय ने कहा कि अन्य देशों से आने वाले यात्रियों में से पांच फीसदी की जांच की जाएगी और संबंधित विमानन कंपनी को प्रत्येक उड़ान से आने वाले उन पांच फीसदी लोगों की पहचान करनी होगी, जिनका परीक्षण किया जाना चाहिए. हालांकि, इनके नमूने की जांच का खर्च मंत्रालय वहन करेगा. एक अन्य आदेश में मंगलवार को डीडीएमए ने राजनीतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, धार्मिक, खेल, मनोरंजन और उत्सव समारोहों को छोड़कर सभी गतिविधियों की अनुमति 15 दिसंबर तक बढ़ा दी है. राष्ट्रीय राजधानी और देश के अन्य हिस्सों में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों ने नये नियमों को लागू करने के लिए कमर कस ली है. अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा ने वहां पर एक बार में 1500 तक यात्रियों को रखने की व्यवस्था की है. इनमें जोखिम वाले देशों से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्री भी होंगे, जो जांच रिपोर्ट आने तक रोके जाएंगे.
आरटी-पीसीआर के लिए चार्ज किए जाएंगे 1700 रुपये
उन्होंने बताया कि प्रत्येक यात्री को आरटी-पीसीआर जांच करानी होगी, जिसके लिए करीब 1700 रुपये लिये जाएंगे. जांच रिपोर्ट आने तक उनके रुकने के दौरान भोजन-पानी भी इस राशि में शामिल है. भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के प्रवक्ता ने कहा कि सभी एएआई हवाई अड्डे केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का राज्य प्राधिकारों के साथ समन्वय कर लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. प्रवक्ता ने कहा कि एएआई का शीर्ष प्रबंधन भी स्थिति की निगरानी कर रहा है. एएआई 34 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों का संचालन कर रहा है. उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर को अद्यतन सूची के मुताबिक जोखिम ग्रस्त देशों की सूची में यूरोपीय देश, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, इजराइल और हांगकांग शामिल हैं.