संजय लीला भंसाली की फ़िल्म गंगूबाई काठियावाड़ी को लेकर विवाद थमते नज़र नहीं आ रहे हैं। टीज़र आने के बाद से ही विभिन्न कारणों से फ़िल्म किसी ना किसी विवाद में फंसती जा रही है। अब गंगूबाई काठियावाड़ी को लेकर क़ानूनी विवाद गहराता जा रहा है। मान-हानि के मामले में मुंबई की कोर्ट ने भंसाली, फ़िल्म की लीडिंग लेडी आलिया भट्ट और लेखक को तलब किया है।
गंगूबाई काठियावाड़ी एस हुसैन ज़ैदी की किताब माफिया क्वींस ऑफ़ मुंबई के एक चैप्टर पर आधारित फ़िल्म है, जिसमें मुंबई के कमाठीपुरा इलाक़े में कोठे की संचालिका गूंगबाई के दबदबे पर कहानी कही गयी है, जो साठ के दशक में स्थापित है। फ़िल्म को लेकर गंगूबाई का दत्तक पुत्र होने का दावा करने वाले बाबू रावजी शाह ने मझगांव कोर्ट में मान-हानि का केस दायर किया है, जिसमें कोर्ट ने संजय लीला भंसाली, आलिया भट्ट और लेखक को 21 मई को समन किया है। इससे पहले शाह ने मुंबई की सिविल कोर्ट में फ़िल्म के ट्रेलर पर रोक लगाने की मांग करते हुए केस किया था, जिसे अदालत ने अस्वीकार कर दिया था। गंगूबाई काठियावाड़ी 30 जुलाई को रिलीज़ होने वाली है। फ़िल्म में अजय देवगन भी एक अहम किरदार में दिखेंगे।
टाइटल बदलने की उठी थी मांग
फ़िल्म का टीज़र फरवरी में रिलीज़ किया जा चुका है, जिसमें गंगूबाई के किरदार में आलिया भट्ट के अंदाज़ और अभिनय को काफ़ी सराहा गया था। हालांकि, इसके साथ विवाद भी शुरू हो गये थे। फ़िल्म को लेकर कमाठीपुरा के निवासियों ने एतराज़ जताया था। वहीं, महाराष्ट्र के कांग्रेस विधायक अमीन पटेल ने फ़िल्म के टाइटल को बदलने की मांग की थी। कांग्रेस विधायक ने यह मांग इसलिए उठाई है, क्योंकि उन्हें लगता है कि गंगूबाई काठियावाड़ी शीर्षक से काठियावाड़ शहर का नाम ख़राब हो रहा है।
पटेल ने विधानसभा में मुद्दा उठाते हुए कहा था कि कमाठीपुरा इलाक़ा अब काफ़ी बदल चुका है। अब यह पचास के दौर जैसा नहीं है। अब यहां कई व्यवसाय फलफूल रहे हैं। फ़िल्म का टाइटल काठियावाड़ सिटी का नाम भी धूमिल कर रहा है। इसलिए फ़िल्म का नाम बदला जाा चाहिए। अमीन पटेल साउथ मुंबई की मुंबादेवी विधानसभा सीट से विधायक हैं।
यहां बताते चलें कि संजय लीला भंसाली पिछले दिनों कोविड-19 की चपेट में आ गये थे, जिसके बाद वो क्वारंटाइन में चले गये। इस वजह से फ़िल्म की शूटिंग भी रोक दी गयी थी। हालांकि, आलिया भट्ट का कोविड-19 टेस्ट नेगेटिव आया था।