कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की राजनीति में हरीश रावत बरगद का पेड़ हैं, वह किसी को पनपे नहीं देते। हरक ने कहा कि नए बरगद के पेड़ के नीचे तो फिर भी कुछ छोटे पेड़ हो भी जाते हैं, लेकिन जंगल में कहीं भी चले जाएं, पुराने बरगद के पेड़ के नीचे कोई वनस्पति नहीं मिलेगी।
हरक सिंह का यह बयान ऐसे समय आया है जब हरीश रावत कर्मकार बोर्ड में कथित घोटालों की एसआईटी जांच की मांग उठा रहे हैं। सियासी हलकों में हरीश रावत की इस मांग को हरक सिंह पर निशाना साधने की कोशिश माना जा रहा है। बृहस्पतिवार को हरक सिंह मीडियाकर्मियों से मुखातिब हुए।
उन्होंने कांग्रेस की खेमेबाजी पर तंज किया। कहा कि हरीश रावत से किसी की पटरी नहीं बैठेगी। बकौल रावत, ‘हरीश भाई पुराने बरगद के पेड़ हैं, वो किसी दूसरे को पनपे नहीं देना चाहते। मेरे से इसीलिए तकलीफ है उनको… वह भी ह हैं, मैं भी ह हूं। वह भी रावत हैं, मैं भी रावत हूं, वह भी सिंह हैं, मैं भी सिंह।’
कुमाऊं में हरीश भाई और महेंद्र पाल के बाद कोई नाम ही नहीं था
हरक सिंह रावत ने कांग्रेस के समय का एक किस्सा सुनाया। उन्होंने कहा कि हरीश रावत प्रदेश अध्यक्ष थे। गांधी पार्क में धरना चल रहा था। जिलों में जाकर भाषण देने वाले नेताओं की सूची तैयार होनी थी। हमने सूची बनाई। गढ़वाल की सूची में कई नेताओं के नाम गिनाए गए।
कुमाऊं से नाम देने की बात आई तो मैंने कहा कि हरीश भाई आप बताओ। हरीश भाई और महेंद्र पाल के बाद कोई नाम ही नहीं बता पाया। मैंने तब वहीं पर मजाक में बोला पर बोला सच। मैंने कहा कि हरीश भाई ने किसी को कुमाऊं मंडल में पनपे ही नहीं दिया। उन्होंने कहा कि जब हम मुकाम पर पहुंच गए तो दूसरों को भी मौका देना चाहिए।