राजस्थान में राजनीतिक संकट अभी थमा नहीं है। अब गेंद सचिन पायलट के पाले में है। मंगलवार को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद पायलट अब अपने अगले कदम का ऐलान कर सकते हैं। वहीं सचिन पायलट लगातार यह कह रहे हैं कि वो भारतीय जनता पार्टी में शामिल नहीं हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी आलाकमान की नज़र में उनकी छवि खराब करने की कोशिश में बीजेपी के साथ दिखाया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘मुझे बीजेपी के साथ दिखाना पार्टी हाई कमान की नज़र में मेरी छवि ख़राब करने की कोशिश है’।
पायलट ने कहा, ‘मैं यह साफ करना चाहूंगा कि मेरी बीजेपी में शामिल होने की कोई योजना नहीं है। मैं अभी भी कांग्रेस पार्टी का सदस्य हूं।’ पायलट ने आगे कहा, ‘आगे क्या करना है, इसपर फैसला ले रहे हैं। मैं राजस्थान के लोगों की सेवा करना चाहता हूं।’ पायलट ने यह भी कहा कि वो बुधवार को कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं कर रहे हैं। बता दें कि ऐसी खबर थी कि पायलट आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
सचिन पायलट ने कहा कि मुझपर आरोप लग रहे हैं कि मैं भाजपा के साथ मिलकर सरकार गिराना चाहता हूं। भाजपा से मिलकर सरकार गिराने की बात करना गलत है। उन्होंने कहा कि मैं अपनी ही पार्टी के खिलाफ ऐसा काम क्यों करूंगा।
पायलट ने कहा कि मैं अभी भी पार्टी में हूं। आगे के कदम के लिए अपने समर्थकों के साथ बातचीत करूंगा। उन्होंने कहा कि मैं अभी भी कांग्रेस में हूं, भाजपा में नहीं जा रहा हूं। पायलट ने कहा कि राजस्थान की जनता के लिए काम करना जारी रखूंगा। सचिन पायलट ने आरोप लगाया कि मुझे राजस्थान में काम करने नहीं दिया गया। मेरे पास किसी भी परियोजना से जुड़ी फाइलें नहीं आती थीं। उन्होंने कहा कि मैंने देशद्रोह कानून हटाने की मांग की, लेकिन उसे मेरे ही खिलाफ प्रयोग किया गया।
उन्होंने कहा कि कैबिनेट कांग्रेस की बैठक का आयोजन महीनों तक नहीं किया गया। मैंने गहलोत जी के सामने इन सभी मुद्दों को रखा। पायलट ने कहा कि कांग्रेस के भीतर बातचीत का मौका नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि ऐसा पद होने का कोई फायदा नहीं है, जब मैं जनता को किए वादे पूरे ना कर सकूं। मैंने पांच साल तक कड़ी मेहनत की, ताकि कांग्रेस की सत्ता में वापसी हो। उन्होंने कहा कि लेकिन जब कांग्रेस सत्ता में आई तो उसने कोई भी वादा पूरा नहीं किया।