बर्फबारी (snowfall) और कड़ाके की ठंड (freezing cold) के बीच भू-बैकुंठ बदरीनाथ धाम (Badrinath Dham) के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुल (Door Opening) गए हैं। वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ आज गुरुवार सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर बदरीनाथ धाम के कपाट खोल दिए गए हैं। कपाट खुलने के इस पावन मौके पर अखंड ज्योति के दर्शन (Darshan of Akhand Jyoti) करने के लिए सैकड़ों श्रद्धालु (hundreds of devotees) धाम पहुंचे तो यात्रा पड़ावों पर चहल-पहल भी शुरू हो गई है।
कपाट खुलने के दौरान हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा हुई तो वहीं परिसर में सेना की मधुर धुन पर यात्री भी थिरके। बदरीनाथ के सिंह द्वार से यात्रियों के दर्शन शुरू हो गए हैं। कपाट खुलने के दौरान धाम में करीब 20 हजार तीर्थयात्री पहुंचे। कपाटोद्घाटन के लिए टिहरी राजा के प्रतिनिधि के रूप में माधव प्रसाद नौटियाल भी धाम में मौजूद रहे।
वहीं बदरीनाथ यात्रा को लेकर तीर्थयात्रियों में भी उत्साह और उल्लास का माहौल है। यात्रा पड़ावों पर जगह-जगह तीर्थयात्रियों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। बदरीनाथ में तीर्थयात्रियों और स्थानीय श्रद्धालुओं के करीब 400 वाहन पहुंच गए हैं। बदरीनाथ के साथ ही धाम में स्थित प्राचीन मठ-मंदिरों को भी गेंदे के फूलों से सजाया गया है।
माणा में ग्रामीणों की चहल-पहल शुरू
इस बार बदरीनाथ हाईवे पर कंचन गंगा और रड़ांग बैंड में हिमखंड पिघल गए हैं। यहां अलकनंदा के किनारे कुछ जगहों पर ही बर्फ जमी है। बदरीनाथ धाम के आंतरिक मार्गों पर अभी भी बर्फ है, जिसे नगर पंचायत बदरीनाथ के पर्यावरण मित्रों की ओर से साफ किया जा रहा है। वर्ष 2013 की आपदा में बह चुके लामबगड़ बाजार में भी दुकानें खुलने लगी हैं। देश के प्रथम गांव माणा में भी ग्रामीणों की चहल-पहल होने लगी है। बुधवार को बदरीनाथ धाम पहुंचे अधिकांश श्रद्धालु माणा गांव पहुंचे। बदरीनाथ में आर्मी हेलीपैड से मंदिर परिसर तक साफ-सफाई काम भी पूरा हो गया है।