पाकिस्तान का चेहरा और साजिश से दुनिया परेशान है। किसी भी देश में कुछ भी हरकत होती है तो पाकिस्तान का नाम सबसे पहले आता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm narender modi) की बांग्लादेश (Bangladesh) यात्रा के दौरान हुई हिंसा में पाकिस्तान पर संदेह गहराने लगा है। बांग्लादेश सरकार हिंसा की जांच कर रही है। पीएम मोदी हाल ही में बांग्लादेश गए थे। इस दौरान कट्टरवादी संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम के कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह पर तीन दिनों तक हिंसक कार्रवाई को अंजाम दिया था। हिंसा में 13 लोगों की मौत हुई थी। बांग्लादेश सरकार को लगता है कि इस हिंसा के पीछे पाकिस्तान उच्चायोग षामिल हो सकता है। उसने ही हिंसा फैलाने के लिए धन मुहैया कराया है।
कट्टरवादी नेता जुनैद बाबू नगरी ने पिछले साल नवम्बर में हिफाजत-ए-इस्लाम की कमान संभाली थी। जुनैद का पाकिस्तानी कनेक्शन भी है।
जुनैद बाबू नगरी को करीब से जानने वालों के मुताबिक जुनैद ने पाकिस्तान के जामिया उलूम-ए-इस्लामिया में चार साल तक पढ़ाई की थी। पिछले साल इस समूह के नेता शाह अहमद शफी की मौत के बाद बगावत हो गयी थी। जुनैद बाबू नगरी ने खुद को संगठन के प्रमुख के रूप में पेश किया। हिफाजत-ए-इस्लाम के कार्यकर्ताओं ने तीन दिनों तक बांग्लादेश में हिंसक गतिविधियों को अंजाम दिया था।
प्रधानमंत्री मोदी जब शुक्रवार को ढाका पहुंचे थे, उस दिन हिंसा में पांच लोगों की मौत हुई थी। दूसरे दिन छह लोगों की जान गई जबकि कट्टरवादी संगठन द्वारा रविवार को बुलाई गई राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल के दौरान दो लोगों की मौत हुई। बांग्लादेश की जांच एजेंसियां अब ये पता लगाने में जुट गई हैं कि क्या इस हिंसा के पीछे जुनैद बाबू नगरी का पाकिस्तानी कनेक्शन जिम्मेदार है। हिफाजत-ए-इस्लाम को धन कहां से मुहैया कराया गया।