प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की छठी बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने पुराने पड़ चुके कानूनों को निरस्त करने और कारोबार के लिए व्यवस्था अधिक सुगम बनाए जाने की जरूरत बताया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मजबूत आर्थिक वृद्धि प्राप्त करने के लिए केंद्र और राज्यों का एकजुटता के साथ काम करना जरूरी है। नीति आयोग की संचालन परिषद को संबोधित करते हुए कहा कि निजी क्षेत्र को भी सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान में भाग लेने का पूरा मौका दिया जाना चाहिए। केंद्र और राज्यों को देश की प्रगति के लिए मिल कर काम करना होगा। आर्थिक प्रगति के लिए सरकार को निजी क्षेत्र का सम्मान करना होगा और उसे समुचित प्रतिनिधित्व भी देना होगा। देश विकास की राह पर अधिक तेजी से आगे बढ़ना चाहता है। सरकार की पहलों से हर किसी को राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान करने का अवसर मिलेगा। कृषि क्षेत्र के लिए तिलहन जैसे उत्पादों का उत्पादन बढ़ाने पर ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि खाद्य तेल आदि के आयात पर निर्भरता कम हो। उन्होंने कहा कि किसानों को दिशा दे कर ही इसे हासिल किया जा सकता है। खाद्य वस्तुओं के आयात खर्च पर होने वाला धन किसानों के खाते में तो जा ही सकता है।
लोगों पर नियम कायदों के अनुपालन का बोझ कम करने की आवश्यकता भी जतायी। इस संदर्भ में राज्यों से समितियां बना कर ऐसे नियम-कायदों को छांटने को कहा जिनकी नयी प्रौद्योगिकी के इस दौर में कोई उपादेयता नहीं रह गयी है। आज जब देश अपनी आजीदी के 75 वर्ष पूरे करने जा रहा है तब गवर्निंग काउंसिल की बैठक और महत्वपूर्ण हो गई है। मैं राज्यों से आग्रह करूंगा कि आजादी के 75 वर्ष के लिए अपने-अपने राज्यों में समाज के सभी लोगों को जोड़कर समितियों का निर्माण हो। बैठक में पीएम के साथ अन्य राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल हैं।
6वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने कोरोना महामारी में देखा कि राज्य और केंद्र सरकार ने मिलकर काम किया। दुनिया में भारत की एक अच्छी छवि का निर्माण हुआ। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले कुछ सालों में हमने देखा कि बैंक खाते खोलना, टीकाकरण और स्वास्थ्य सुविधाओं में वृद्धि, मुफ्त बिजली कनेक्शन, गरीबों को सशक्त बनाने के लिए मुफ्त गैस कनेक्शन उनके जीवन में अभूतपूर्व परिवर्तन को दर्शाता है।