आतंकवाद से लेकर कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच का तनाव लगातार जारी रहता है। जहां एक तरफ पाकिस्तान दुनियाभर में कश्मीर का मुद्दे उठाता है। तो वहीं, भारत हर बार पाकिस्तान को करारा जवाब देता है। बुधवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ। बुधवार को राष्ट्रमंडल देशों के विदेश मंत्रियों की डिजिटल बैठक हुई। इस बैठक में पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दा उठाया। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी ने कश्मीर की ओर इशारा करते हुए कहा कि विवादित क्षेत्र में अवैध रूप से जनसांख्यिकी बदलाव करने के लिए दक्षिण एशिया का एक देश उग्र राष्ट्रवाद को बढ़ावा दे रहा है। जिस पर विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिमी) विकास स्वरूप ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
इस बैठक में विकास स्वरूप विदेश मंत्री एस. जयशंकर का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। स्वरूप ने कहा, ‘जब हमने दक्षिण एशिया के एक देश के बारे में कहते सुना को हम हैरान हो गए कि वह खुद को ऐसा क्यों बता रहे है? आश्चर्य की बात ये है कि यह एक ऐसा देश है जिसे पूरी दुनिया राज्य प्रायोजित आतंकवाद के प्रवर्तक के तौर पर जानती है.जो खुद के आतंकवाद से पीड़िता होने का बहाना करता है। हमने इसे एक ऐसे देश से सुना जिसने 49 वर्ष पहले अपने ही लोगों का नरसंहार किया था।’ इसके आगे उन्होंने कहा कि, ‘ये वही देश है जिसे आंतकवाद का केंद्र बिंदु होने का खिताब मिला है और काफी संख्या में आंतकियों को अपने यहां रखता है और इन आतंकियों पर सयुंक्त राष्ट्र ने भी प्रतिबंध लगाया हुआ है।’
पीओके की ओर इशारा करते हुए विकास स्वरूप ने कहा कि, ‘आज ‘विवादित क्षेत्र’ का जो आरोप लगाया गया है उसमें केवल यही विवाद है कि उसने कुछ हिस्सों पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है जिसे आज या कल उसे खाली करना होगा।’ उन्होंने कहा कि, ‘ऐसा देश जो दूसरे स्थानों पर धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों के प्रवचन का ढोंग करता है जबकि खुद अपने यहां के अल्पसंख्यकों के अधिकारों को कुचलता है और उसने वास्तव में दुखद रूप से इस मंच का सीधा सीधा दुरुपयोग किया है।’