केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को बॉम्बे हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. महाराष्ट्र सरकार के अधिवक्ता आशुतोष कुम्भकोणी ने हाई कोर्ट को जानकारी दी कि राणे के बंगले में तोड़क कार्रवाई करने के आदेश को वापस ले लिया गया है. राणे के बंगले में अवैध निर्माण पर तोड़क कार्रवाई करने के लिए बीएमसी ने 8 दिनों का वक़्त दिया था, जिसका विरोध करते हुए राणे ने बीएमसी की नोटिस के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी.
राणे का आरोप था कि बीएमसी ने बिना कोई नोटिस दिए ही 8 दिनों के भीतर तोड़क कार्रवाई का आदेश जारी कर दिया. दरअसल नारायण राणे ने बीएमसी द्वारा उनके जुहू इलाके में स्थित बंगले अधिसा में अवैध निर्माण को लेकर बीएमसी द्वारा भेजे गए नोटिस के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए याचिका दायर की थी.
जानकारी के मुताबिक नारायण राणे ने अपनी इस याचिका में बीएमसी द्वारा जारी की गई नोटिस को अवैध बताते हुए उस पर रोक लगाने की मांग की थी. सुनवाई के दौरान राणे की तरफ से यह दलील दी गई कि बीएमसी की तरफ से उन्हें अवैध निर्माण को नियमित करने का वक़्त ही नही दिया गया, जिस पर बीएमसी के वकीलों ने यह दलील दी कि राणे एक तरफ कह रहे हैं कि उन्होंने कोई अवैध निर्माण नही किया और दूसरी तरफ नियमित करने का समय भी मांग रहे हैं.
15 दिनों का दिया गया था नोटिस
गौरतलब है कि मुम्बई के पॉश जुहू इलाके में नारायण राणे का 8 मंजिला बंगला है. इस बंगले में अवैध निर्माण होने की शिकायत के बाद बीएमसी की टीम कुछ दिनों पहले इंस्पेक्शन करने के लिए वहां पहुंची थी. इंस्पेक्शन की इस रिपोर्ट के बाद बीएमसी की तरफ से नारायण राणे को नोटिस भेजी गई थी और 15 दिनों के भीतर बंगले में हुए अवैध निर्माण को हटाने का निर्देश दिया गया था. 15 दिन बीतने के बाद जब राणे परिवार ने अवैध निर्माण को नही हटाया तो बीएमसी ने पिछले सप्ताह दूसरा नोटिस जारी करते हुए फिर से 15 दिनों के भीतर अवैध निर्माण को हटाने को कहा है.
बीएमसी ने दी थी चेतावनी
नोटिस के मुताबिक अगर राणे परिवार खुद से अवैध निर्माण नही हटाता है तो बीएमसी तोड़क कार्रवाई करके उसे हटाएगी, ऐसा चेतावनी भी दी गई है. बीएमसी द्वारा जारी की गई नोटिस के मुताबिक राणे के बंगले के कई फ्लोर पर अवैध निर्माण हुआ है, जिसे तोड़ना बहुत जरूरी है.