कोरोना के कहर के बची स्वास्थ्य सेवाएं लापरवाहियों से भी बेपटरी हुई हैं। झोलाछाप डॉक्टरों की लापरवाही के चलते भी मरीज दम तोड़ रहे हैं। अब ताजा मामला ग्रेटर नोएडा के जेवर क्षेत्र से आया है जहां झोलाछाप डॉक्टर ने एक 32 साल की युवती को लगातार 15 बोतल ग्लूकोस चढ़ा दिया। उसकी इस लापरवाही से युवती की मौत हो गयी। 14 मई को गौतमबुद्ध नगर देवर इलाके के दाऊजी मोहल्ले में रहने वाली रतनलाल की पुत्री अलका को तेज बुखार की शिकायत हुई थी। बुखार की शिकायत होने के बाद अलका को पास के ही एक डॉक्टर को दिखाया गया। डॉक्टर ने युवती का कोविड टेस्ट भी नहीं कराया और उसे ग्लूकोज की बोतले चढ़ाता रहा। उसे कुल 15 बोतले चढ़ाई गईं। इस दौरान अलका की हालत लगातार बिगड़ती गई।
हालत बिगड़ने के बावजूद डॉक्टर उसका गलत इलाज करता रहा। जब युवती की हालत ज्यादा खराब होने लगी तो डॉक्टर ने जवाब दे दिया। इसके बाद अलका के परिजन उसे जेवर के प्राथमिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। जांच के बाद पता चला कि अलका की पहले ही मौत हो गई थी। झोलाछाप डाॅक्टर की इस लापरवाही से परिजनों में बहुत ज्यादा आक्रोश है। पीड़ित युवती की मौत के बाद से डाॅक्टर फरार है। परिजनों की नाराजगी से कार्रवाई में तेजी आयी है।
डाॅक्टर की इस लापरवाही से हुई मौत की सूचना सुनते ही इलाके के आला अधिकारी सक्रिय हो गए और पूरे मामले की जांच के आदेश दिए गए। जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर सुहास एलवाई ने इस मामले में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। जेवर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक को डॉक्टर के खिलाफ जांच कर मामला दर्ज करने के लिए कहा है। कोरोना के मामले गांवों में विस्फोटक बनी हुई है। इसी वजह से प्रशासन की तरफ से अब टेस्टिंग बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है और समय रहते संक्रमित मरीजों के इलाज की बात कही जा रही है।