फ्रांस के लियोन शहर में शनिवार को एक यूनानी पादरी को उनके गिरजाघर के बाहर गोली मार दी गई। पुलिस हमलावर की तलाश कर रही है। रॉयटर्स के अनुसार पादरी पर शाम 4 बजे के करीब दो बार फायरिंग हुई। हमला उस वक्त हुआ जब वो चर्च को बंद कर रहे थे। घायल पादरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। इसके पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में फ्रांस के साथ होने का बयान दिया था। हालांकि भारत में कई स्थानों पर फ्रांसीसी राष्ट्रपति के खिलाफ आंदोलन चल रहा है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पादरी के पेट में गोली लगी है और उनका स्थानीय अस्पताल में उपचार जारी है। पादरी गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमलावर अकेला था और उसने शिकार करने वाली राइफल से गोली चलाई। फिलहाल, हमले के पीछे की वजहों का पता नहीं चल पाया है।
पुलिस ने गिरजाघर के आसपास के इलाके को बंद कर दिया है और ट्विटर पर संदेश के माध्यम से लोगों को घरों में ही रहने की चेतावनी दी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शाम 4 बजे जब पादरी गिरजाघर को बंद कर रहे थे, तभी उन पर दो राउंड गोली चलाई गई।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस हरकत में आ गई और उसने हमलावर को पकड़ने के लिए अभियान शुरू किया। पुलिस की टीम को कामयाबी हासिल हुई और हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया।
पादरी पर यह हमला हाल के हफ्तों में फ्रांस में हुए अपराधों की एक श्रृंखला में सबसे नया है। गौरतलब है कि फ्रांस के नीस शहर में दो दिन पहले ही एक गिरजाघर पर इस्लामिक चरमपंथी हमलावर द्वारा चाकू से किए गए हमले में तीन लोगों की जान चली गई थी।
बता दें कि इससे पहले, अक्तूबर में पेरिस के उपनगर में एक स्कूल शिक्षक की गर्दन काट दी गई। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस घटना की निंदा की थी, उन्हें यूरोप के अन्य देशों का साथ भी मिला था। पुलिस ने इस वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था, जो 18 वर्षीय चेचन मूल का एक युवक था। उसने शिक्षक द्वारा पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाने पर हत्या की थी।