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देवबंद : दलितों, पिछडों, शोषितों, वंचितों के मसीहा थे बाबा साहब : बिजेन्द्र गुप्ता

रिपोट :- गौरव सिंघल,विशेष संवाददाता,दैनिक संवाद,सहारनपुर मंडल।
देवबंद। शाकुम्भरी आयुर्वेदिक प्रशिक्षण संस्थान देवबंद में संविधान निर्माता बाबा साहब डाक्टर भीम राव अम्बेडकर की १३१वी जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में बाबा साहब को श्रद्धसुमन अर्पित कर उनको याद किया गया। इस अवसर पर बिजेन्द्र गुप्ता ने बाबा साहब को अपने श्रद्धासुमन अर्पित  करते हुये कहा कि बाबा साहब ने अपना सम्पूर्ण जीवन दलितों, पिछडों, शोषितों और वंचितों के अधिकार के लिये समर्पित कर दिया। डॉ॰ बाबा साहब आम्बेडकर नाम से लोकप्रिय, भारतीय बहुज्ञ, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, और समाज सुधारक थे।
उन्होंने दलित, बौद्ध आन्दोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) से सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाकर उनको जागरूक कर अपने अधिकारो के लिये लडना सिखाया। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मन्त्री, भारतीय संविधान के जनक एवं भारत गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे। संस्था के चेयरमैन सचिन कुमार ने कहा कि बाबा साहब का जन्म १४ अप्रैल १८९१ को हुआ था।  बाबा साहब का जन्म दिन 14 अप्रैल को पर्व के रूप में भारत समेत पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस दिन को समानता दिवस और ज्ञान दिवस के रूप में भी मनाया जाता है, क्योंकि जीवन भर समानता के लिए संघर्ष करने वाले अम्बेडकर को समानता और ज्ञान के प्रतीक माना जाता है। अम्बेडकर को विश्व भर में उनके मानवाधिकार आंदोलन संविधान निर्माता और उनकी प्रकांड विद्वता के लिए जाना जाता हैं। इस दौरान चौधरी अजय सिंह, राव आरिफ, गौरव, अमित कुमार, हर्षति गुप्ता, अंकुश कुमार, बाबर खान, यशपाल सिंह, शशि जेसवाल आदि ने भी बाबा साहब को अपने श्रद्धासुमन अर्पित किये।