अन्याय पर न्याय और असत्य पर सत्य की विजय का महापर्व विजयादशमी दशहरा इस वर्ष आज 5 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। भगवान श्रीराम के द्वारा दुराचारी और अहंकारी रावण का वध आज ही के दिन किया गया था ऐसी हमारे सत्य सनातन धर्म की मान्यता है। दशहरे का यह महापर्व हमारे भारत देश के साथ ही दुनिया के कई हिस्सों में मनाया जाता है।
आज के दिन बुराई के प्रतीक के स्वरूप में रावण का पुतला बनाकर दहन करने की परम्परा हमारे देश और धर्म में प्राचीन काल से चली आ रही, आज भी देश के विभिन्न हिस्सों में इस रावण दहन की परम्परा का पुरे हर्षो उल्लास से निर्वहन किया जाएगा।
इस पुष्प का शुभ फलदायक है आज दर्शन
हमारे सत्य सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार, दशहरे पर अपराजिता पौधे की पूजा करना शुभफल दायक होता है। हमारे शास्त्रों में अपराजिता पौधे को देवी का स्वरूप माना गया है। इसकी पूजा करने के लिए उत्तम समय दोपहर के बाद और संध्या के पहले का होता है। इस पौधे की पूजा से जीवन के हर क्षेत्र में विजय प्राप्त होती है और साथ ही सुख और शांति की वृद्धि होती है।
इस पक्षी का आज मंगलकारी है दर्शन
हमारे सत्य सनातन धर्म में नीलकंठ पक्षी को बेहद शुभ और मंगलकारी माना गया है। मान्यता है कि दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन करने से धन-वैभव में वृद्धि होती है। साथ ही जीवन के हर कार्य में सिद्धि और सफलता मिलती है।दशहरे पर नीलकंठ पक्षी का दर्शन एक अच्छी शुरुआत है और वर्षभर मंगलमय बीतता है, सुख और समृद्धि का प्रादुर्भाव हमारे जीवन में होता है ।