देशभर में लव जिहाद को लेकर लगातार आवाजें उठने लगी हैं. उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में जहां सरकारों की तरफ से, सख्त कानून बनाने की तैयारी की जा रही है, तो वहीं इसी बीच उत्तराखंड में एक अजीब स्कीम निकाली गई है. दरअसल इस समय बीजेपी शासित राज्यों में तेजी से लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की तैयारी जोरो-शोरो से की जा रही है. लेकिन दूसरी तरफ उत्तराखंड में भाजपा की सरकार ने एक नई ही स्कीम निकाल दी है. इस स्कीम के मुताबिक जो शख्स दूसरे धर्म और जाति में विवाह करेगा उस जोड़े को प्रोत्साहन के रूप में 50,000 रुपये दिया जाएगा.
हाल ही में जारी की गई एक रिपोर्ट की माने तो उत्तराखंड में सरकार ये नगद प्रोत्साहन उन कपल को देने की घोषणा की है जिनकी शादियां वैध रूप से रजिस्टर्ड हैं. बताया जा रहा है कि, इस बारे में पूरी जानकारी राज्य समाज कल्याण विभाग के एक अधिकारी की तरफ से दी गई है. लेकिन इंटर कास्ट मैरिज करने पर मिलने वाली 50 हजार की प्रोत्साहन रकम को देने के लिए एक शर्त भी रखी गई है. इस कंडीशन के हिसाब से विवाहित जोड़ों में से किसी एक का अनुच्छेद 341 में वर्णित शेड्यूल कास्ट में से होना चाहिए.
इस बारे में बात करते हुए टेहरी के सामाजिक कल्याण अधिकारी दीपांकर घिडियाल ने कहा कि, दूसरे धर्मों में शादी करने वाले लोगों को जो रकम देने का ऐलान किया गया है, इससे राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है. बता दें कि, इस स्कीम का जो भी शख्स लाभ पाना चाहता है, उसे शादी के एक साल के अंदर ही आवेदन देना पड़ेगा. दरअसल इससे पहले इस स्कीम के अंतर्गत आने वाले विजातीय और दूसरे धर्म में शादी करने वाले लोगों को 10 हजार रूपये की राशि मुहैया करवाई जाती थी.
हालांकि साल 2014 में राज्य की सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश अंतरजातीय अंतरधार्मिक विवाह प्रोत्साहन नियमावली 1976 में संशोधन होने के बाद 10 हजार की रकम को बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया गया था. लेकिन साल 2000 की बात है जब उत्तराखंड यूपी से अलग हो गया और ये एक नया राज्य बना. ऐसे में ये कानून उत्तराखंड राज्य ने अपने इलाकों में जारी रखा. जबकि उत्तर प्रदेश से इसे खत्म कर दिया गया था.