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कश्मीर में जवानों की आवाजाही के लिए निलंबित हवाई सेवा तत्काल बहाल करें, राष्ट्रवाद के झूठे आंसू बहाने का आरोप

कांग्रेस ने मांग की है कि कश्मीर घाटी में सेना व अर्द्ध सैनिक बलों की आवाजाही के लिए ‘हवाई कूरियर सेवा’ को तत्काल बहाल किया जाए। पार्टी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने पुलवामा के शहीदों के नाम पर युवाओं के वोट मांगने के लिए राष्ट्रवाद के नाम पर झूठे आंसू बहाए।

कश्मीर में जवानों के हवाई कूरियर सेवा बंद करने का मुद्दा सबसे पहले 4 अप्रैल को प्रमुखता से उठाया था। शुक्रवार को कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि पुलवामा शहीदों के नाम पर युवाओं के वोट मांग झूठे राष्ट्रवाद के आंसू बहाने वाली मोदी सरकार ने घाटी में आवाजाही के लिए सैनिकों की हवाई कुरियर सेवा फिर निलंबित कर दी है। उन्होंने कहा कि हम सरकार से सैनिकों और अर्द्ध बलों के जवानों के लिए तत्काल इस सेवा की बहाली की मांग करते हैं।

2017 में शुरू की गई इस सुविधा की मियाद 31 मार्च 2022 को खत्म हो गई है। अर्द्ध सैनिक बलों ने केंद्र से इसकी मियाद बढ़ाने के लिए पत्र लिखा है। कश्मीर से लेकर उत्तर पूर्व के राज्यों में केंद्रीय सुरक्षा बल तैनात हैं। कश्मीर में आतंकियों द्वारा सीआरपीएफ जैसे बड़े केंद्रीय बल पर हैंड ग्रेनेड से हमला कर दिया जाता है। इसी तरह उत्तर पूर्व के राज्यों में उग्रवादियों और केंद्रीय बलों के बीच मुठभेड़ की खबरें आती रहती हैं। इन क्षेत्रों में सीआरपीएफ व बीएसएफ जैसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल तैनात हैं।

पुलवामा हमले के बाद शुरू की हवाई सुविधा
दो साल पहले ‘पुलवामा’ में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। उसके बाद जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्व के जोखिम भरे क्षेत्रों में सड़क मार्ग से आवाजाही करने वाले जवानों के ‘काफिले’ पर रोक लगा दी गई थी। सुरक्षा बलों को सड़क मार्ग की बजाए हवाई मार्ग से आने-जाने की सुविधा प्रदान की गई थी।