कोरोना वायरस (corona virus) के खिलाफ वैक्सीन और इसकी बूस्टर डोज़ (booster dose) के फायदे एक बार फिर साबित हुए हैं. नई स्टडी से पता चला है कि जो लोग कोविड-19 की वैक्सीन और बूस्टर डोज़ ले चुके हैं, वह डेल्टा (delta) के मुकाबले ओमिक्रॉन (omicron) से लगभग 3 दिन जल्दी ठीक हो जाते हैं. ओमिक्रॉन के मरीजों में सूंघने की क्षमता प्रभावित होने की संभावना भी कम होती है. पिछली स्टडी से सामने आई इस बात की भी पुष्टि हुई कि डेल्टा के मुकाबले ओमिक्रॉन कम घातक है. स्टडी के दौरान देखा गया कि डेल्टा के मुकाबले ओमिक्रॉन मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की दर 25 फीसदी कम रही. वैज्ञानिकों ने ब्रिटेन में 63 हजार लोगों की स्टडी करके ये नतीजे निकाले हैं. ये स्टडी जून 2021 से जनवरी 2022 के बीच की गई.
मेडिकल जर्नल लांसेट में शुक्रवार को पब्लिश हुई इस स्टडी में 16 से 99 साल के लोगों में डेल्टा और ओमिक्रॉन की वजह से पैदा हुए लक्षणों पर नजर रखी गई. इसके लिए ZOE नाम के एक मोबाइल ऐप की मदद ली गई. स्टडी से पता चला कि जिन लोगों ने कोरोना की दो वैक्सीन लगवाई थीं और बूस्टर डोज़ भी ली थी, उनमें ओमिक्रॉन के लक्षण औसतन 4.4 दिन में खत्म हुए जबकि डेल्टा से पीड़ित मरीजों को उबरने में 7.7 दिन का समय लगा था. मतलब ओमिक्रॉन के मरीज डेल्टा के मुकाबले औसतन 3.3 दिन जल्दी ठीक हो गए. जिन लोगों ने वैक्सीन की सिर्फ दो डोज़ ली थीं, उनमें ओमिक्रॉन के लक्षण खत्म होने में 8.3 दिन लगे. इन लोगों में डेल्टा के लक्षण 9.6 दिन में ठीक होते देखे गए.
स्टडी के दौरान देखा गया कि ओमिक्रॉन से पीड़ित 17 फीसदी मरीजों में सूंघने की क्षमता प्रभावित हुई जबकि डेल्टा के मरीजों में यह संख्या 53 प्रतिशत थी. लेकिन कुछ मामलों में ओमिक्रॉन ने लोगों पर ज्यादा असर दिखाया. गला खराब होने का रिस्क ओमिक्रॉन के मरीजों में 55 प्रतिशत ज्यादा देखा गया. इसी तरह आवाज पर असर के मामलों में 24 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई.
इस स्टडी को करने वाली किंग्स कॉलेज ऑफ लंदन की क्रिस्टीना मेनी ने बताया कि कोरोना के डेल्टा और ओमिक्रॉन वैरिएंट की तुलना के लिए इतने ज्यादा लोगों पर की गई यह ऐसी पहली स्टडी थी, जिसका लांसेट ने पियर रिव्यू किया. उन्होंने बताया कि यह स्टडी जिस समय की गई थी, तब ओमिक्रॉन का BA.1 के मरीज ज्यादा मिल रहे थे.