पाकिस्तान की एक आतंकवाद विरोधी अदालत (एटीसी) ने मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के पांच साथियों को आतंकी वित्त पोषण का दोषी माना है। सईद के प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) के इन पांचों नेताओं को अदालत ने 9-9 साल कैद की सजा सुनाई है। एटीसी लाहौर के जज इजाज अहमद बट्टर ने शनिवार को इन पांचों के साथ ही सईद के करीबी रिश्तेदार हाफिज अब्दुल रहमान मक्की को भी इसी मामले में छह महीने जेल की सजा सुनाई।
दोषी ठहराए गए आरोपियों में से उमर बहादर, नसरुल्लाह और समीउल्लाह को पहली बार आतंकी वित्त पोषण का दोषी माना गया है, जबकि दो अन्य आरोपी याहया मुहाजिद और प्रोफेसर जफर इकबाल को इससे पहले भी आतंकी वित्त पोषण के अन्य मामलों में कई साल की सजा सुनाई जा चुकी है। याहया जमात-उद-दावा का प्रवक्ता है, जबकि जफर इकबाल सईद के बाद प्रभावी नेताओं में शामिल है। इन पांचों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने वाली पाकिस्तानी पंजाब पुलिस के काउंटर टेरररिज्म विभाग (सीटीडी) के मुताबिक, ये लोग अवैध तरीके से चंदा जुटाकर संयुक्त राष्ट्र की तरफ से प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइबा को गैरकानूनी पैसा मुहैया कराते थे।
बता दें कि जमात-उद-दावा को आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइबा का ही मुखौटा संगठन माना जाता है। लश्कर ने ही 2008 में मुंबई में आतंकी हमले को अंजाम दिया था, जिसमें 166 लोग मारे गए थे।
दिखावे के लिए कार्रवाई कर रहा पाक
पाकिस्तानी पंजाब पुलिस ने 70 वर्षीय हाफिज सईद समेत जेयूडी नेताओं के खिलाफ आतंकी वित्त पोषण के 41 मामले दर्ज किए हैं, जिनमें से 37 में फैसला आ चुका है। पाकिस्तान इसे आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई बताता है, लेकिन विशेषज्ञ इसे महज फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे-लिस्ट से बाहर निकलने के लिए दिखावे की कार्रवाई मानते हैं।
एटीसी ने लश्कर के संस्थापक हाफिज सईद को विभिन्न मामलों में कुल 36 साल कैद की सजा दी है, लेकिन सभी मामलों में सजा एकसाथ चलेगी यानी वह लंबे समय तक जेल में नहीं रहेगा। इसी तरह लश्कर के ऑपरेशन कमांडर जकीउर रहमान लखवी को भी तीन मामलों में कुल 15 साल कैद की सजा सुनाई गई है, लेकिन तीनों मामलों में 5-5 साल की सजा होने के कारण वह भी पांच साल बाद ही जेल से छूट जाएगा।