उत्तराखंड विधानसभा चुनाव (Uttarakhand assembly elections) से पहले कांग्रेस (Congress) की मुश्किलें बढ़ गई हैं और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) के सियासी बम के बाद पार्टी बैकफुट पर है. क्योंकि हरीश रावत के ट्वीट के बाद राज्य में बात साफ हो गई है कि हरीश रावत नाराज है. लिहाजा अब पार्टी डैमेट कंट्रोल करने में जुट गई है. असल में चर्चा है कि रावत की नाराजगी कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रीतम सिंह से है और जो खुद को सीएम का दावेदार मानते हैं. वहीं पार्टीहाईकमान ने दोनों को दिल्ली तलब किया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आज दोनों ही नेता राहुल गांधी के साथ मुलाकात कर सकते हैं.
दरअसल, विधानसभा चुनाव से पहले हरीश रावत अपनी उपेक्षा ने नाराज हैं. जबकि हरीश रावत कांग्रेस में गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं और विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी पार्टी ने उन्हें महासचिव नियुक्त किया और असम और पंजाब का प्रभार दिया. लेकिन रावत राज्य में चुनाव से पहले खुद को सीएम ना बनाए जाने से नाराज बताए जा रहे हैं. वहीं कांग्रेस आलाकमान को डर है कि कहीं हरीश रावत की बगावत से उत्तराखंड में पार्टी की स्थिति पंजाब जैसी स्थिति ना हो जाए. लिहाजा कांग्रेस आलाकमान डैमेज कंट्रोल में जुट गया है और हरीश रावत और उनके धुर विरोधी प्रीतम सिंह को दिल्ली को तलब किया गया है.
कहीं रावत की प्रेशर पॉलिटिक्स तो नहीं
वहीं कहा जा रहा कि हरीश रावत ने अपना आखिरी सियासी दांव चला रहा है और राज्य में सीएम का चेहरा बनना चाहते हैं. जबकि कांग्रेस के सभी बड़े नेता साफ कर चुके हैं कि राज्य में सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा. वहीं ये भी चर्चा है कि हरीश रावत चुनाव में अपने ज्यादा से ज्यादा करीबियों को टिकट दिलाना चाहते हैं. ताकि चुनाव के बाद बनने वाली स्थिति में सीएम के पद पर दावा किया जा सके.