सूर्य को प्रसन्न करने का सबसे सरल उपाय है रोज सुबह तांबे के लोटे से इन्हें अर्घ्य देना। गीता प्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित संक्षिप्त भविष्य पुराण के अनुसार सूर्य को अर्घ्य देते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। इन बातों का ध्यान रखने पर सूर्य की कृपा जल्दी मिल सकती है…
कैसे चढ़ाएं सूर्य को जल?- सूर्य को जल चढ़ाने के लिए रोज सुबह सूर्योदय से पहले ही बिस्तर छोड़ देना चाहिए। जल्दी उठें और उठने के बाद स्नान करें।- स्नान के बाद तांबे के लोटे से सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें। जल चढ़ाते समय दोनों हाथों से लोटे को पकड़कर रखना चाहिए।- लोटे में जल के साथ ही लाल फूल, कुमकुम और चावल भी जरूर डालना चाहिए।- सूर्य को अर्घ्य देते समय जल की गिरती धार से सूर्य की किरणों को जरूर देखना चाहिए।- पूर्व दिशा की ओर ही मुख करके ही सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए।- जल चढ़ाते समय सूर्य मंत्र ऊँ सूर्याय नम: का जाप करते रहना चाहिए।
जल चढ़ाने के बाद परिक्रमा जरूर करेंसूर्य को जल चढ़ाने के बाद परिक्रमा अवश्य करनी चाहिए। भविष्य पुराण के अनुसार सूर्यदेव का ध्यान करते हुए परिक्रमा करने से हमारी सभी परेशानियां दूर हो सकती हैं। व्यक्ति की सभी इच्छाएं सूर्यदेव पूरी करते हैं।
जल चढ़ाते समय न करें ये गलतियां- सूर्य को जल चढ़ाने का सबसे अच्छा समय सुबह-सुबह का ही होता है।- जल चढ़ाते समय जूते-चप्पल नहीं पहनना चाहिए। नंगे पैर सूर्य को जल चढ़ाएं।- जल चढ़ाने के बाद ध्यान रखें वह पानी आपके पैरों में नहीं आना चाहिए।- इन बातों का ध्यान नहीं रखने से अशुभ प्रभाव भी हो सकता है।