शनिदेव की शांति के लिए शनिवार का दिन अतिउत्तम माना गया है. शनिवार का दिन शनिदेव को ही समर्पित है. जिन लोगों की जन्म कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में हैं या फिर शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या से पीड़ित हैं वे शनिवार को शनिदेव की पूजा अवश्य करें. शनिवार को नजदीकी शनिदेव के मंदिर में शाम के समय शनि की पूजा करें इसके साथ ही सरसों का तेल चढ़ाएं. शनिवार के दिन शनिदेव से जुड़ी चीजों का दान करना भी अच्छा माना गया है. इस दिन काला कबंल, काला छाता, काली उड़द की दाल आदि का दान करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं.
शनि एक न्यायप्रिय ग्रह हैं.
ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को एक न्यायप्रिय ग्रह माना गया. शनि व्यक्ति को उसके कर्माें के आधार पर जीवन में फल प्रदान करते हैं. अर्थात जब व्यक्ति अच्छे कार्य करता है तो शनिदेव उसे शुभ फल प्रदान करते हैं वहीं जब व्यक्ति गलत कार्य करने लगता है, तो शनि उसे कष्ट देना आरंभ कर देते हैं.
शनि अशुभ प्रभाव
शनिदेव जब अशुभ होते हैं तो व्यक्ति को कई तरह की परेशानियां का सामना करना पड़ता है. जॉब, बिजनेस में बाधा पैदा करते हैं. जमा पूंजी नष्ट कर देते हैं और व्यक्ति कर्जदार हो जाता है. व्यक्ति को गंभीर रोग दे देते हैं, वाद विवाद, कोर्ट कचहरी के मामले में उलझा देते हैं. कभी कभी दांपत्य जीवन में भी परेशानी खड़ी कर देते हैं.
शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय
शनिदेव जब अशुभ फल देने लगें तो व्यक्ति को कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. शनिदेव को गलत कार्य पसंद नहीं है. इसलिए गलत कार्य नहीं करने चाहिए. इसके साथ ही जो लोग कठोर परिश्रम से स्वयं और अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं उन्हें कभी सताना नहीं चाहिए. इसके साथ ही उनका अनादर भी नहीं करना चाहिए. कमजोर लोगों की मदद करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं. इसलिए शनिवार के दिन कमजोर और जरूरमंद व्यक्तियों की मदद करनी चाहिए और दान आदि देना चाहिए.