जापान सरकार (Japan Government) ने कहा है कि वह रूस (Russia) द्वारा जापान सागर (Sea of Japan) में पनडुब्बी (submarine) से छोड़े जाने वाली मिसाइलों का परीक्षण (Missiles Tests) करने की खबरों के बाद उसकी सैन्य गतिविधियों (Military Activities) पर करीबी नजर रख रहा है. यूक्रेन (Ukraine) पर हमला करने के बाद यह जापान तट (Japan Coast) पर रूसी सेना (Russian Army) का ताजा सैन्य अभ्यास है.
मिसाइल परीक्षण तब किया गया है जब एक दिन पहले अमेरिकी नौसेना की 7वीं फ्लीट और जापान समुद्री आत्म-रक्षा बल ने जापान सागर में संयुक्त नौसैन्य अभ्यास करने की घोषणा की थी. रूस की आईटीएआर-तास समाचार एजेंसी ने बताया कि रूस के प्रशांत बेड़े की दो डीजल संचालित पनडुब्बियों से गुरुवार को अभ्यासों के दौरान कैलिबर क्रूज मिसाइलें सफलतापूर्वक दागी गईं. जापान की मीडिया ने भी ऐसी ही खबरें दी हैं.तास ने बताया कि मिसाइलों का लक्ष्य दुश्मन के जहाज से मिलता एक जहाज था और अभ्यास में उसके प्रशांत बेड़े और युद्धक विमानों के 15 से अधिक युद्धपोतों को शामिल किया गया. उसने कहा कि कैलिबर क्रूज मिसाइल को सबसोनिक गति से उड़ान भरने के लिए बनाया गया है और यह 2,000 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेद सकती है.
जापान के मुख्य कैबिनेट मंत्री हिरोकाजू मात्सुनो ने कहा, ‘‘रूस ने ताजा अभ्यास और जापान के आसपास प्रशिक्षण करके अपनी सैन्य गतिविधियों तेज कर दी हैं.’’ उन्होंने कहा कि जापान रूस की गतिविधियों पर करीबी नजर रख रहा है लेकिन यह कहते हुए उन्होंने और जानकारियां नहीं दी कि, ‘‘ऐसा करने से जापान की सूचना एकत्रित करने की क्षमता का खुलासा हो जाएगा.’’
गौरतलब है कि मार्च में रूस ने उन द्वीपों पर 3,000 सैनिकों के साथ बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास किया था, जिन पर जापान अपना दावा जताता है. इन अभ्यासों का जापान ने विरोध किया था. द्वीपों पर विवाद के कारण दोनों देशों ने युद्ध के समय की अपनी शत्रुता को औपचारिक रूप से खत्म करने के लिए शांति समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं. मॉस्को ने द्वितीय विश्वयुद्ध के खत्म होने पर इन द्वीपों पर कब्जा जमा लिया था.