रिपोर्ट : विवेक पाण्डेय : दो वर्ष के कोरोना काल के आपदा से निपटने के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने पूरे देश में अपनी सांगठनिक गतिविधियों को नियमित रुप से संचालित करना शुरु कर दिया है। आगामी शताब्दी वर्ष को ध्यान रखते हुए शाखाओं के विस्तार के साथ साथ नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम व पथ संचलन जैसेे कार्यक्रम आयोजित होने है। इसी कड़ी में गुरुवार को झुनकीघाट पर अयोध्या महानगर की 15 सांगठनिक ईकाइयों के माध्यम से संचालित सभी 107 शाखाओं का संगम हुआ। इस संगम में अलग-अलग शाखाओं के हजारों स्वयंसेवक शामिल हुए।
इस संगम में स्वयंसेवकों तथा समाज से आये आगन्तुको को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक कौशल जी ने कहा कि छूआछूत व सामाजिक विभेद को दूर करना ही हम सभी कार्यकर्ताओं का अभीष्ट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि समय की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए हिन्दू समाज की एकता को दृढ़ करना आवश्यक है। यह तभी संभव है जब सामाजिक विभेद और भेदभाव की भावना समाप्त होगी। उन्होंने संविधान निर्माता बाबा साहेब डा. भीमराव आम्बेडकर को नमन करते हुए कहा अपने जीवन में उन्हें कितनी पीड़ा सहन करनी पड़ी। तभी उन्होंने सनातन परम्परा से अलग धारा का चुनाव किया।
प्रांत प्रचारक ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना और कार्य पद्धति का जिक्र करते हुए संस्थापक डा. हेडगेवार की विलक्षण प्रतिभा और उनके दृढ़ संकल्प की जानकारी दी और कहा कि यदि हम सभी अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ संकल्पित होकर प्रयासरत हों तो लक्ष्य अवश्य प्राप्त कर सकेंगे। 65 लाख स्वयंसेवक दैन्दिन की गतिविधियों में है भागीदार उन्होंने डा. हेडगेवार के संस्मरणों के माध्यम से स्वयंसेवकों का आह्वान किया कि वह अपनी प्रमाणिकता समाज के समक्ष सिद्ध करें। इस मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता नानकपुरा गुरुद्धारा के पूर्व ग्रंथी सुरेन्द्र सिंह ने की। कार्यक्रम में महानगर के संघ चालक प्रो. विक्रमा पाण्डेय, सह संघ चालक डा. अजयमोहन श्रीवास्तव, कार्यवाह देवेन्द्र व राहुल,संघ के शारीरिक प्रमुख अवनिकुमार शुक्ल व शिवम, व्यवस्था प्रमुख केदारनाथ सिंह, सेवा प्रमुख बालेन्दु, बौद्धिक प्रमुख सुमधुर सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।