शनिवार सुबह यूपी के सभी ग्राम प्रधानों के लिए बेहद भारी रहेगी। अब वह प्रधानजी नहीं पूर्व प्रधान कहलाएंगे। 25 दिसम्बर 2020 की रात 12 बजे के बाद से यूपी के करीब 58 हजार ग्राम प्रधानों का कार्यकाल खत्म हो जाएगा। उनके सभी अधिकार सीज कर दिए जाएंगे। ई ग्राम स्वराज पोर्टल पर सभी प्रधानों के डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट (डीएससी) शुक्रवार रात 12 बजे अनरजिस्टर्ड कर दिए जाएंगे। और ग्राम पंचायतें भंग होने के बाद सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) को इनका प्रशासक बनाया जाएगा। इस बीच अगर किसी वजह से ग्राम प्रधानों के जरिए कोई लेन देन हुआ तो दोषी पाए जाने पर कार्रवाई तय होगी।
किंजल सिंह ने निर्देश दिए हैं कि ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर सभी प्रधानों के डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट शुक्रवार रात 12 बजे अनरजिस्टर्ड कर दिए जाएं। बुधवार को यूपी के सभी डीएम को निर्देश दिए कि 25 दिसंबर के बाद प्रधानों को चेकर के रूप में कोई भुगतान न किया जाए। यदि इसके बाद ई-ग्राम स्वराज पर प्रधानों से कोई लेनदेन हुआ तो संबंधित ग्राम पंचायत सचिव, एसडीओ पंचायत व डीपीआरओ इसके जिम्मेदार होंगे।
एडीओ पंचायत बनेंगे प्रशासक
कोरोना की वजह से ग्राम पंचायत चुनाव मेंं देरी हो रही है। 25 दिसंबर को ग्राम पंचायतें भंग हो जाएंगी। उसके बाद सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) को प्रशासक रूप में ग्राम पंचायतों को काम काज देखेंगे। ग्राम प्रधान अभी तक 15वें वित्त आयोग व पंचम राज्य वित्त आयोग से आवंटित हो रही राशि का उपभोग पब्लिक फाइनेंस मैनेंजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) व ई-ग्राम स्वराज के माध्यम से कर रहे थे। उम्मीद है कि 31 मार्च 2021 तक ग्राम पंचायत चुनाव पूरे हो जाएंगे।