मुजफ्फनगर दंगों को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने अहम फैसला किया है. सरकारी वकील ने कोर्ट में अर्जी देकर बीजेपी विधायकों सुरेश राणा, संगीत सोम और कपिलदेव अग्रवाल के खिलाफ केस वापस लेने की अपील की है. यूपी सरकार के इस फैसले ने यूपी के सियासी पारे को बढ़ा दिया है. अब बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की है.
बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने शुक्रवार को ट्वीट करके कहा, ‘यूपी में बीजेपी के लोगों के ऊपर ‘राजनैतिक द्वेष’ की भावना से दर्ज मुकदमे वापिस होने के साथ ही, सभी विपक्षी पार्टियो के लोगों पर भी ऐसे दर्ज मुकदमे भी जरूर वापिस होने चाहिए. बीएसपी की यह मांग है.
क्या है पूरा मामला
7 सितंबर 2013 में नंगला मंदौड़ में महापंचायत हुई थी. यह महापंचायत मुजफ्फरनगर में सचिन और गौरव की हत्या के बाद बुलाई गई थी. आरोप है कि इस महापंचायत के बाद मुजफ्फरनगर में दंगा भड़क गया था. मुज़फ्फरनगर दंगों में क़रीब 65 लोगों की मौत हुई थी और 40 हज़ार के ज़्यादा लोग दंगों के कारण विस्थापित हुए थे.
इस मामले में कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा, विधायक संगीत सोम और कपिलदेव अग्रवाल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. इन तीनों नेताओं पर भड़काऊ भाषण, धारा 144 का उल्लंघन, आगजनी, तोड़फोड़ की धाराएं लगाई गई थी. अब सरकारी वकील राजीव शर्मा ने मुजफ्फरनगर की एडीजे कोर्ट में मुकदमा वापसी के लिए अर्जी दी.