ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का कल यानि गुरुवार (8 सितम्बर) को 96 वर्ष की आयु में देहांत हो गया। महारानी एलिजाबेथ का देहांत स्कॉटलैंड के बाल्मोरल कैसल में हुआ। वे यहां समर ब्रेक पर आई हुईं थीं। बता दें कि एलिजाबेथ, 1952 में अपने पिता जॉर्ज षष्टम की मौत के बाद महारानी बनी थीं। तब उनकी आयु महज 25 वर्ष थी। 21 अप्रैल 1926 को क्वीन एलिजाबेथ का जन्म हुआ था। उस समय ब्रिटेन में किंग जॉर्ज पंचम का राज था। एलिजाबेथ के पिता किंग जॉर्ज छह भी बाद में ब्रिटेन के राजा बने थे। क्वीन एलिजाबेथ का पूरा नाम एलिजाबेथ एलेक्जेंडरा मैरी विंडसर था।
शाही परिवार के अनुसार, महारानी episodic mobility की समस्या से जूझ रही थीं। इसमें उन्हें खड़े होने और चलने में दिक्कत होती थी। महारानी एलिजाबेथ-II इसी साल फरवरी में कोरोना संक्रमित भी हो गई थी एलिजाबेथ की तबीयत गुरुवार को खराब हो गई थी। इसके बाद से वे डॉक्टरों की निगरानी में थीं। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ब्रिटेन की सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली शासक रहीं। एलिजाबेथ ने 70 वर्षों तक राज किया। उनके शासनकाल में ब्रिटेन को 15 प्रधानमंत्री मिले। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के देहांत के बाद अब उनके बेटे चार्ल्स (उम्र 73 वर्ष) ब्रिटेन के नए राजा बनाए गए हैं। एलिजाबेथ II केवल ब्रिटेन ही नहीं बल्कि 14 और देशों की रानी रहीं ।
1947 में एलिजाबेथ द्वितीय ने एडिनबर्ग के ड्यूक फिलिप के साथ विवाह किया था। डेनमार्क और ग्रीस के राजकुमार, प्रिंस फिलिप का जन्म 1921 में हुआ था और उन्होंने सेकंड वर्ल्ड वॉर में ब्रिटिश रॉयल नेवी में सेवा दी थी। 2017 में वह अपने शाही कर्तव्यों से सेवानिवृत्त हुए। उनका निधन 2021 में हुआ था। दोनों के चार बच्चे हुए: चार्ल्स, ऐनी, एंड्रयू और एडवर्ड। अब उनके बड़े बेटे चार्ल्स (उम्र 73 वर्ष) ब्रिटेन के राजा बन गए हैं।
महारानी के निधन के चलते पूरे ब्रिटेन में 10 दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। महारानी के शव को पहले रॉयल ट्रेन से एडिनबर्ग लाया जाएगा। अगले दिन उनके ताबूत को रॉयल माइल से सेंट जाइल्स कैथेड्रल तक ले जाया जाएगा। यहां शाही परिवार के लोग और आम जनता अपनी महारानी को श्रद्धांजलि दे सकेंगे। इसके बाद उनकी लाश को फिर से रॉयल ट्रेन में रखकर बकिंघम पैलेस लंदन लाया जाएगा। हो सकता है कि एलिज़ाबेथ के शव को हवाई मार्ग से भी लंदन लाया जा सकता है। लंदन में पीएम और कैबिनेट के सदस्य उनकी पार्थिव देह को रिसीव करेंगे। बकिंघम पैलेस में उनके शव को रखने के बाद से 8 दिन और आधिकारिक शोक रहेगा। इसके बाद वेस्टमिंस्टर एब्बे में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
पीएम मोदी ने जताया शोक:-
पीएम मोदी ने एलिजाबेथ के निधन पर शोक प्रकट किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि, महामहिम महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को हमारे वक़्त की एक दिग्गज के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने अपने राष्ट्र और लोगों को प्रेरक नेतृत्व प्रदान किया। उन्होंने सार्वजनिक जीवन में गरिमा और शालीनता का परिचय दिया। उनके देहांत से आहत हूं।