भारतीय जनता पार्टी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी को लेकर दायकर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया है। शीर्ष न्यायालय का कहना है कि इसके दूरगामी परिणाम होते हैं। पैगंबर मोहम्मद पर कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी के चलते शर्मा के खिलाफ कार्रवाई और उनकी गिरफ्तारी की मांग की गई थी।
शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित, जस्टिस रविंद्र भट्ट और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने याचिका पर सुनवाई की। रिपोर्ट्स के अनुसार, शीर्ष न्यायालय ने कहा, ‘यह देखने में नुकसान नहीं पहुंचाने वाला लगता है, लेकिन इसके दूरगामी परिणाम होते हैं। अदालत को निर्देश जारी करते समय हमेशा चौकस रहना चाहिए। हमारा सुझाव इसे वापस लेने का है।’
कथित तौर पर एक टीवी डिबेट के दौरान शर्मा की तरफ से की गई टिप्पणी के चलते जमकर विवाद खड़ा हो गया था। देश के की हिस्सों में इसे लेकर जमकर प्रदर्शन हुए थे और शर्मा को गिरफ्तारी करने की मांग उठी थी।
सुप्रीम कोर्ट में एड्वोकेट चांद कुरैशी के जरिए एड्वोकेट अबु सोहैल की तरफ से याचिका दायर की गई थी। याचिका में ‘स्वतंत्र, विश्वसनीय और निष्पक्ष जांच’ की मांग उठाई गई थी। खास बात है कि एपेक्स कोर्ट ने पहले ही मामले में दर्ज सभी FIRs को दिल्ली पुलिस को ट्रांसफर करने के बात कही थी। शर्मा के खिलाफ भारत के कई शहरों में अलग-अलग पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई थी।