रामलला के भूमि पूजन (Ram Mamdir Bhumi Pujan) का वो दिन भी आ गया जिसका लोग सालभर से इंतजार कर रहे थे. आपको याद होगा कि आज 5 अगस्त है और राम मंदिर में भूमि पूजन का शुभ मुहूर्त भी है. जिसके लिए कई दिनों से अयोध्या नगरी (Ayoshya) को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा था. आखिरकार वो अंतिम घड़ी भी आ ही गई है जब भगवान राम मंदिर (Ram Mandir) का शिलान्यास होगा. लेकिन भूमि पूजन (Bhumi Pujan) से पहले ही ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) आग बबूला हो उठे हैं. इसका अंदाजा उनके ट्वीट को देखकर लगाया जा सकता है. पूरा देश जहां ये मान चुका है कि अयोध्या नगरी में भगवान राम मंदिर बनेगी और वहीं पर रामलला विराजमान थे. उस बात को औवैसी साहब मानने को ही तैयार नहीं हैं. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले को काफी लंबा वक्त बीत चुका है. लेकिन ओवैसी के विवादित बयानों और ट्वीट्स को देखकर तो ऐसा लगता है कि वो सबसे बड़ी अदालत के फैसले से भी इत्तेफाक नहीं रखते हैं.
गौरतलब है कि तकरीबन पांच सौ साल तक चले अयोध्या के राम जन्मभूमि मामले में बीते साल ही सुप्रीम कोर्ट की ओर से यहां पर मंदिर बनने के पक्ष में फैसला दिया गया था. जिस भूमि को लेकर दो समुदायों में काफी लंबे सालों से विवाद चला आ रहा था उसे सबसे बड़ी अदालत ने राम के नाम पर सौंपने का फैसला सुनाया था. इसी के साथ ही आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद के लिए भी अयोध्या में पांच एकड़ जमीन देने को कहा था. लेकिन ओवैसी अभी भी इस फैसले से संतुष्ट नहीं दिखाई दे रहे हैं. इतना ही नहीं भूमि पूजन से पहले ही उन्होंने एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि, ‘बाबरी मस्जिद थी, है और रहेगी, इशांअल्लाह.’ इस ट्वीट में औवैसी ने बाबरी मस्जिद की तस्वीर भी अपलोड की है.
हालांकि इससे पहले ओवैसी ने भूमि पूजन में शामिल हो रहे पीएम मोदी (PM Modi) के फैसले पर भी आपत्ति जताई थी. एक ट्वीट करते हुए ओवैसी ने कहा था कि इस तरह का काम करना प्रधानमंत्री की ली गई संवैधानिक शपथ का उल्लंघन करने के जैसा है. दरअसल ट्वीट में ओवैसी ने लिखा था कि, एक आधिकारिक पद को संभालते हुए भूमि पूजन में सम्मलित होना संवैधानिक शपथ का उल्लंघन होगा. धर्मनिरपेक्षता संविधान की मूल अवसंरचना का हिस्सा है.’