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राम भूमि पूजन से पहले ही बौखलाया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, ट्वीट के जरिए दी ये बड़ी धमकी

अयोध्या (Ayodhya) में हो चुकी भूमि पूजन (Bhumi Pujan) की तैयारी से पहले ही एक के बाद एक विवादित ट्वीट्स आने लगे हैं. औवैसी (Owaisi) ही नहीं बल्कि अब मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (Muslim Personal Law Board) भी राम मंदिर (Ram Mandir) पर विवादित टिप्पणी कर रहा है. दरअसल आज राम मंदिर में भूमि पूजन का कार्यक्रम है. जिसमें देश के पीएम मोदी (PM Modi) समेत कई बड़ी दिग्गज हस्तियां शामिल होने वाली हैं. जो एक साथ मिलकर अयोध्या (Ayodhya) में श्री राम जन्मभूमि पूजन करेंगे और इसी के बाद राम मंदिर निर्माण का कार्य आगे बढ़ेगा. बता दें कि वर्षों से दो समुदायों के बीच चले आ रहे टकराव को बीते साल सुप्रीम कोर्ट ने सुलझा दिया था. और इस विवादित जमीन पर राम मंदिर बनने के पक्ष में फैसला सुनाया था. लेकिन इसके बाद भी एक बार फिर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड कोर्ट के इस फैसले पर सवाल उठा रहा है. इसके साथ ही हागिया सोफिया मस्जिद का उदाहरण पेश करते हुए कहा है कि बाबरी मस्जिद थी हमेशा रहेगी.

दरअसल ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से एक ट्वीट किया गया है. जिसमें उन्होंने लिखा है कि, ‘बाबरी मस्जिद थी और हमेशा मस्जिद ही रहेगी. इसका सबसे बड़ा उदाहरण हागिया सोफिया है. जो अन्यायपूर्ण, दमनकारी, शर्मनाक और बहुसंख्यक तुष्टिकरण फैसले से जमीन पर पुनर्निमाण इतिहास को बदल नहीं सकता है. इसलिए आहत होने की जरूरत नहीं है. क्योंकि कोई भी हालात हमेशा के लिए नहीं रहता है.’

आपको बता दें कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जिस हागिया सोफिया का उदाहरण देते हुए धमकी दे रहा है वो 1500 साल पुरानी विरासत समेटे यूनेस्को की विश्व विरासत में शामिल किया गया है. हागिया सोफिया म्यूजियम के रूप में बड़ी तब्दीली है. दरअसल बीते साल ही जुलाई महीने में टर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यब एर्दोगन की तरफ से इस ऐतिहासिक म्यूजियम को फिर से मस्जिद में तब्दील करने का आदेश दिया गया था. आपको बता दें कि राष्ट्रपति एर्दोगन ने 1934 में किए गए उस निर्णय को फिर से बदल दिया था. जिसके आधार पर साल 1434 में इस्तांबुल पर कब्जे के बाद उस्मानी सल्तनत की ओर से मस्जिद में तब्दील हुई हागिया सोफिया को एक म्यूजियम के रूप में तैयार करवाया गया था.

ये विश्व की ऐसी ऐतिहासिक विरासत रही है जिसने अपने आपको कई ढांचे में तब्दील होते हुए देखा है. जिस दौर में इस इमारत का निर्माण किया गया था उस वक्त ये एक भव्य चर्च के रूप में जाना जाता था. कई लंबी शताब्दियों तक ये चर्च ही रहा. लेकिन अचानक से इसे मस्जिद में तब्दील करने का आदेश दे दिया गया.