विकेट नहीं आसान. यहां टेस्ट क्रिकेट नहीं आसान. जी हां, कुछ यही हकीकत है साउथ अफ्रीका की, जहां इस वक्त टीम इंडिया मौजूद है. इस चाहत में कि पहली बार टेस्ट सीरीज जीता जाए. इतिहास के पन्नों को पलटा जाए. लेकिन, साउथ अफ्रीका की विकेटों पर ये काम आसान नहीं है. वहां गेंदबाजी जितनी आसान दिख रही है. बल्लेबाजी उतनी ही मुश्किल है. और, ये महज हवा-हवाई बातें नहीं है बल्कि इसके पीछे है पिछले 3 साल का रिपोर्ट कार्ड. वहां की विकेटों से जुड़े वो आंकड़े जो चौंकाने वाले हैं.
साउथ अफ्रीका के बारे में बेशक हम ये कहें कि अब यहां कि विकेटों में वो बात नहीं. लेकिन, सच ये है कि उनमें अभी भी बहुत जान है, जिसका दावा हालिया आंकड़े करते हैं. साल 2018 की शुरुआत से अब तक साउथ अफ्रीका की विकेट बल्लेबाजी के लिए दुनिया की सबसे मुश्किल विकेटों में से एक रही है. इस दौरान साउथ अफ्रीका में बल्लेबाजी औसत 25.39 का रहा है. इससे कम का बल्लेबाजी औसत इस दौरान सिर्फ वेस्ट इंडीज की पिचों पर देखने को मिला है. इस मामले में भारतीय पिचों का स्थान 5वां है, जहां औसत 26.68 का रहा है. जबकि 26.45 की औसत के साथ इंग्लैंड चौथे नंबर पर है. वहीं आयरलैंड का स्थान तीसरा है.
बल्लेबाजों के लिए मुश्किल है साउथ अफ्रीकी विकेट
बात शतकों की करें तो साउथ अफ्रीका में साल 2018 से अब तक खेले 18 टेस्ट में सिर्फ 15 शतक लग सके हैं. यानी रेसियो 0.83 शतक प्रति टेस्ट का रहा है, जो कि सबसे कम है. वेस्ट इंडीज में भी ये रेसियो 1 का है, जहां इस दौरान खेले 16 टेस्ट में 16 शतक लग चुके हैं. जबकि भारत में इस दौरान 16 टेस्ट में 24 शतक, इंग्लैंड में 26 टेस्ट में 30 शतक और ऑस्ट्रेलिया में 18 टेस्ट में 28 शतक लग चुके हैं.
गेंदबाजों के लिए कमाल करने की विकेट
साउथ अफ्रीकी पिचों पर बल्लेबाजी जितनी मुश्किल हैं, गेंदबाजी उतनी ही आसान दिख रही है. यानी गेंदबाजों के लिए अफ्रीकी पिचें स्वर्ग की माफिक हैं. गेंदबाजों को साउथ अफ्रीका में गेंदबाजी करने में मजा आता है. और, ये बात भी हम हालिया आंकड़ों के आधार पर ही बता रहे हैं. साल 2018 से अब तक साउथ अफ्रीका में गेंदबाजों का स्ट्राइक रेट 49.5 प्रति विकेट का रहा है, जो कि किसी भी दूसरे देश के मुकाबले बेस्ट है. साउथ अफ्रीका के बाद गेंदबाजों के लिए आसान विकेट इस दौरान वेस्ट इंडीज की रही है, जहां स्ट्राइक रेट 52.0 का है. वहीं भारत इस मामले में 52.4 की स्ट्राइक रेट के साथ तीसरे नंबर पर है.
हालांकि, बल्लेबाजों के लिए थोड़ी राहत वाली बात ये है कि साउथ अफ्रीकी पिचों पर इस दौरान स्कोरिंग रेट सबसे हाई रहा है. वहां की इकॉनमी 3.20 की रही है. इस मामले में साउथ अफ्रीका के बाद भारत में 3.14 की इकॉनमी सबसे बेहतर है.