यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक तैयारियों में लगे हुए हैं. इसी बीच नेताओं के दलबदल का दौर भी जहां चरम पर हैं. इसी के साथ कई अन्य क्षेत्रों में भी काम करने वाले लोग लगातार राजनीतिक दलों में शामिल हो रही है. इसी कड़ी में निर्भया केस की वकील रहीं सीमा कुशवाहा भी गुरुवार को बहुजन समाज पार्टी में शामिल हुईं. बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा की मौजूदगी में उन्हें बसपा की सदस्यता दिलाई गई.
इस दौरान कुशवाहा ने मायावती को 5वीं बार मुख्यमंत्री बनाने का संकल्प लिया.
कानपुर छोड़ इसलिए आईं थी दिल्ली
सीमा समृद्धि कुशवाहा ये भी बताया कि लॉ की डिग्री लेने के बाद कानपुर से वकालत की ट्रेनिंग शुरू की थी. लेकिन वह महिला वकीलों की हालत बेहद खराब थी आलम यह था कि महिला वकीलों के हाथ में केस जाने पर उन्हें सुनवाई की तारीख भी नहीं मिलती थी. इसलिए उन्हें कानपुर छोड़ दिल्ली आना पड़ा था. यहां उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में ट्रेनी वकील काम करना शुरू किया. निर्भया केस के वक्त भी सुप्रीम कोर्ट में ट्रेनी वकील ही काम कर रहीं थीं. जब निर्भया के साथ दरिंदगी हुई और फिर मौत हो गई तो लोगों के साथ सड़क पर प्रदर्शन करने वालों में सीमा कुशवाहा भी शामिल थीं.
वह बताती हैं कि एक शोक सभा मैं निर्भया के परिवार से मिली थी. उसी दौरान वह बातचीत करते हुए इतनी भावुक हो गई उन्होंने ये तय कर लिया कि हर हाल में निर्भया के दोषियों को सजा दिलाकर रहेंगी. इसलिए उन्होंने इस केस को लड़ने का निर्णय लिया. इसके बाद सजा होने तक वह आखरी लड़ाई लड़ती रहीं. साल 2014 में सीमा कुशवाहा ने एक ट्रस्ट भी बनाया. ये ट्रस्ट दुष्कर्म पीड़िताओं को मुफ्त में न्याय दिलाने के लिए अदालत में केस लड़ने का काम करता है. निर्भया केस के साथ हाथरस में रेप केस भी इन्होंने अपने हाथ में लिया. इसके अलावा हाल में ही कानपुर में एक लड़की के साथ हुई दरिंदगी और हत्या के मामले में भी इन्होंने आवाज उठाई थी.