यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (SP) का वो उम्मीदवार हार गया, जो मतगणना (Vote Counting) से पहले अतिरिक्त सतर्कता बरतते और दूरबीन (Binoculars) के जरिये स्थानीय निर्वाचन कार्यालय पर नजर रखते नजर आए थे. योगेश वर्मा (Yogesh Verma) ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले की हस्तिनापुर (Hastinapur) विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था. निर्वाचन आयोग की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, उन्हें हस्तिनापुर में भाजपा प्रत्याशी और मौजूदा विधायक दिनेश खटिक के हाथों 7,312 मतों के अंतर से हार झेलनी पड़ी है. वेबसाइट के अनुसार, वर्मा को लगभग एक लाख (43.55 फीसदी), जबकि खटिक को 1.07 लाख (46.72 प्रतिशत) वोट हासिल हुए हैं.
चुनाव बाद के सर्वेक्षणों के रुझानों और नौ मार्च को उत्तर प्रदेश में कुछ जगहों पर ईवीएम के साथ छेड़छाड़ के आरोपों के बीच वर्मा को खुली जिप्सी में बैठकर दूर से ही स्ट्रांग रूम पर नजर रखने के लिए दूरबीन का इस्तेमाल करते हुए देखा गया था. हस्तिनापुर में भले ही वोटों की गिनती के दौरान या उससे पहले ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की कोई शिकायत नहीं मिली थी, लेकिन वर्मा उनकी अतिरिक्त सतर्कता से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर आने के बाद चर्चा में आ गए.
अर्चना गौतम को मिल 1519 वोट
हस्तिनापुर सीट से एक अन्य लोकप्रिय उम्मीदवार अभिनेत्री से राजनेता बनीं कांग्रेस की अर्चना गौतम थीं, जो चुनावी लड़ाई में कहीं ठहरती नहीं दिखाई दीं. निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के मुताबिक, अर्चना को 1,519 (0.66 प्रतिशत) वोट मिले, जबकि बसपा के संजीव कुमार के खाते में 14,240 वोट गए और वह हस्तिनापुर में किस्मत आजमाने वाले कुल आठ उम्मीदवारों में तीसरे स्थान रहे.
खटीक ने तोड़ा मिथक
वहीं हस्तिानपुर से जुड़ा मिथक बरकरार रहा है. मेरठ की हस्तिनापुर सीट के कड़े मुकाबले पर सभी की निगाहें थीं. यहां से जुड़ा संयोग है कि सूबे में जिस दल की सरकार होती है, उसी पार्टी का प्रत्याशी इस सीट पर चुनावी जंग में जीत हासिल करता है. हस्तिनापुर से राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की है. लेकिन इस बार हस्तिनापुर से जुड़ी एक बात जरूर बदली है कि 1989 के बाद से 2017 तक विधायक यहां से लगातार दूसरी बार जीत दर्ज नहीं कर सका था. दिनेश खटीक ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज कर ये मिथक तोड़ दिया.