‘शोभायात्रा निकल रही थी. सब सामान्य था. तभी अचानक पथराव होने लगा. भीड़ उग्र होती जा रही थी. लेकिन हमने दोनों पक्षों को आपस में टकराने नहीं दिया’. ये कहना है एसआई मेदालाल मीणा का. बता दें कि शनिवार को दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती पर हिंसा हुई थी. इस दौरान एसआई मेदालाल मीणा मौके पर तैनात थे. हिंसा में उन्हें गोली भी लगी है.
एसआई मीणा ने आजतक को बताया कि पूरा घटनाक्रम शाम 6 बजे शुरू हुआ था. दोनों तरफ से पथराव होने लगा. इसके बाद जो लोग शोभायात्रा निकाल रहे थे, वो जी ब्लॉक (G block) में चले गए. जबकि दूसरे पक्ष के लोग सी ब्लॉक (C block) में चले गए. इन दोनों पक्षों के बीच पुलिस मौजूद थी. पुलिस ने दोनों पक्षों के लोगों को आपस में टकराने नहीं दिया. हमारे दोनों ओर पत्थर और ईंट चल रही थीं.
एसआई मेदालाल ने बताया कि घटनास्थल पर करीब एक हजार से ज्यादा लोगों की भीड़ एकत्र हो गई. देखते ही देखते लोग उग्र होने लगे. इस दौरान हमने लोगों को समझाने की तमाम कोशिशें की, लेकिन सब बेकार गईं. कोई भी पुलिस की बात सुनने को तैयार ही नहीं था.
कुछ लोग बंगाली में बात कर रहे थे
हमने देखा कि वहां कुछ लोग बंगाली में बात कर रहे थे. उनकी बातचीत से लग रहा था जैसे वह बांग्लादेशी हैं. हमने उनसे शांति बनाए रखने की अपील की. लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी. वह पुलिस पर ही पत्थर बरसाने लगे. ईंटें फेंकने लगे. जबकि कुछ महिलाएं अपनी छतों से पत्थर फेंक रही थीं. भीड़ को काबू में करना बेहद मुश्किल हो गया था.
भीड़ हटाने के दौरान लगी गोली
एसआई मेदालाल मीणा ने बताया कि मैं जब भीड़ को तितर-बितर कर रहा था, इसी दौरान मुझे गोली लग गई. लेकिन हमने वहां दोनों पक्षों को आपस में टकराने नहीं दिया. पुलिस हर हाल में बीच में ही डटी रही. एसआई ने कहा कि वह तो गनीमत थी कि पुलिस वहां मौजूद थी, नहीं तो भीड़ बहुत आक्रामक हो सकती थी.