ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में से एक है। आगरा का ताजमहल भारत की शान ही नहीं, बल्कि प्यार का प्रतीक भी है। ताजमहल स्थापत्य कला की जीती-जागती तस्वीर है। इसलिए इसे खूबसूरती का नायाब हीरा भी कहा जाता है। इन्हीं खूबियों की वजह से भारतीय ही नहीं विदेशी पर्यटक भी हर साल बड़ी संख्या में ताजमहल का दीदार करने आते हैं। हम सब भी यही मानते हैं कि सबसे ज्यादा विदेशी पर्यटक ताजमहल के दीवाने हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने विश्व पर्यटन दिवस पर एक नई रिपोर्ट जारी की, जिसमें टॉप 10 ऐतिहासिक स्मारकों को जगह दी गई है, जिन्हें विदेशी पर्यटक देखना पसंद करते हैं। यहां हम आपको विदेशी पर्यटकों की 5 सबसे पसंदीदा पर्यटक स्थलों के बारे में बता रहे हैं।
मामल्लापुरम एक ऐतिहासिक शहर है, जो अपने रॉक कट मंदिर, गुफाओं, वास्तुकला और साहित्य के लिए प्रसिद्ध है। प्राचीन मंदिराें के इस शहर की खूबसूरती पूरी दुनिया में मशहूर है। मामल्लापुरम को महाबलीपुरम भी कहा जाता है। महाबलीपुरम साउथ चेन्नई के तट से 56 किमी की दूरी पर स्थित है। यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल है। 2022 में सबसे ज्यादा विदेशी पर्यटकों ने इस स्मारक को देखा है।
सफेद संगमरमर से बनी स्मारक दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यह विदेशियों का दूसरा सबसे पसंदीदा पर्यटक स्थल है। ताजमहल को मुगल शासक शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया था। मकबरे का निर्माण 1630 में शुरू हुआ था, जो करीब 22 साल तक चला। पर्यटकों को इसकी नक्काशीदार छतें और दीवारें किसी आश्चर्य से कम नहीं लगती। यमुना नदी के किनारे बना ताजमहल न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में अपनी अनूठी पहचान बना चुका है।
तमिलनाडु में स्थित सलावनकुप्पम मुरुगन मंदिर को पृथ्वी के सबसे पुराने मुरुगन मंदिर में से एक माना जाता है। यह गुफा मंदिर लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र है। इन गुफाओं में भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित है। यूनेस्को ने इस विरासत को अपनी लिस्ट में शामिल किया है। साल 2022 में कई विदेशी पर्यटक इस जगह पर घूमने आए हैं।
आगरा शहर में लाल पत्थरों से बना आकर्षक किला सौन्दर्य का प्रतीक है। किला यमुना नदी के तट पर स्थित है और सबसे राजसी जगह में से एक है। इस किले को मुगल सम्राट अखबर ने बनवाया था और यह कभी मुगलों का निवास स्थान हुआ करता था। यूनेस्को ने इसे भी अपनी विश्व विरासत स्थलों में शामिल किया है।
थिरुमयम किला तमिलनाडु के पुडुकोट्टई जिले के थिरुमयम शहर में स्थित है। यह 40 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है। 1687 में रामनाथ के राजा विजय रघुनाथ सेतुपति द्वारा इसका निर्माण कराया गया था। यह किला ऐतिहासिक महत्व और भव्य वास्तुकला के लिए दुनिया भर में मशहूर है। बताया जाता है कि किले के निर्माण के लिए ईटों के साथ-साथ पत्थरों के छोटे-छोटे ब्लॉक का उपयोग किया गया था। यह किला कभी पॉलीगुर युद्ध में विद्रोही सरदारों का महत्वपूर्ण गढ़ रहा है।