ब्रिटेन की गृह मंत्री (इंटीरियर मिनिस्टर) (UK home minister) सुएला ब्रेवरमैन (Suella Braverman) ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा (resign his post) दे दिया। पहले ही राजनीतिक संकट (political crisis) से गुजर रहे ब्रिटेन के लिए यह बड़ी खबर है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, सुएला ब्रेवरमैन ने बुधवार को कहा कि वह प्रधानमंत्री लिज ट्रस (Prime Minister Liz Truss) की सरकार को छोड़ रही हैं। यूके मीडिया ने बुधवार को यह जानकारी दी। बता दें कि ब्रेवरमैन भारतीय मूल की हैं। हालांकि ब्रेवरमैन ने सरकार छोड़ने के अपने फैसले पर स्थिति स्पष्ट नहीं की है, लेकिन बीबीसी और अन्य मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि उन्होंने सरकार से इस्तीफा दे दिया है। ब्रेवरमैन भी ब्रिटिश पीएम की रेस में थीं।
गोवा मूल के पिता और तमिल मूल की मां की संतान ब्रेवरमैन को 43 दिन पहले ही गृह मंत्री नियुक्त किया गया था, जब ब्रिटिश प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने 10 डाउनिंग स्ट्रीट में कार्यभार संभाला था। इससे पहले ब्रेवरमैन की बुधवार को प्रधानमंत्री ट्रस के साथ बैठक हुई और इसे सरकार की नीति पर असहमति का परिणाम नहीं माना जा रहा। पिछले शुक्रवार को क्रासिंस्की क्वार्टेंग (Krasinski Quarteng) को वित्त मंत्री पद से हटा दिया गया था और उनके उत्तराधिकारी, वित्त मंत्री जेरेमी हंट ने सोमवार को सरकार के मिनी-बजट में कटौती कर दी। इस कदम से ट्रस के नेतृत्व के लिए संकट और बढ़ने की आशंका है।
सुएला ब्रेवरमैन (Suella Braverman) ने हाल ही में भारत को लेकर एक बयान से विवाद खड़ा कर दिया था। सुएला ब्रेवरमैन ने आव्रजन संबंधी टिप्पणी में कहा था कि सबसे बड़ी संख्या में भारतीय, अपनी वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी ब्रिटेन में रुके रहते हैं। उन्होंने कहा था, ‘‘मुझे भारत के साथ खुली सीमाओं वाली माइग्रेशन नीति को लेकर आपत्ति है क्योंकि मुझे नहीं लगता कि लोगों ने इसके लिए ब्रेक्जिट के पक्ष में मतदान किया था।’’
फिलहाल एक के बाद एक इस्तीफों से ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिज ट्रस पर दबाव बढ़ रहा है। हालांकि उन्होंने बुधवार को खुद को ‘‘मैदान छोड़कर भागने वाले के बजाय एक यौद्धा’’ करार दिया। उन्होंने यह बयान तब जारी किया है जब वह खराब आर्थिक योजना को लेकर अपनी ही कंजर्वेटिव पार्टी में कड़े विरोध का सामना कर रही हैं। नव-नियुक्त वित्त मंत्री जेरेमी हंट ने एक महीने से भी कम समय पहले बनी उनकी सरकार के टैक्स कटौती के पैकेज के फैसलों को पलट दिया था। इसके बाद ट्रस ने पहली बार संसद के पहले सत्र में भाग लिया। उन्होंने संसद से माफी मांगी और ब्रिटिश सरकार के प्रमुख के तौर पर अपने छोटे-से कार्यकाल के दौरान की गयी गलतियां स्वीकार कीं। ट्रस जब संसद में बोल रही थीं तो कुछ सांसदों ने चिल्लाकर कहा, ‘‘इस्तीफा दो।’’
ट्रस की सरकार ने 23 सितंबर को बिना सोचे-समझे करों में कटौती कर दी और इसका कोई इंतजाम नहीं किया, जिससे वित्तीय बाजारों में तूफान पैदा हो गया और पाउंड की कीमत गिर गयी तथा ब्रिटिश सरकार की उधारी की लागत बढ़ गयी। इस संकट को और गहरा होने से रोकने के लिए बैंक ऑफ इंग्लैंड को हस्तक्षेप करना पड़ा। बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सितंबर में ब्रिटेन की महंगाई दर बढ़कर 10.1 प्रतिशत हो गयी है जो 40 साल में सबसे अधिक है।