बीते दिनों सोशल मीडिया पर किम जोंग उन की मौत की खबर सुन कर तो कई दफा लोगों को ऐसा लगा था कि तानाशाह को इस दुनिया से मुक्ति मिल गई. लेकिन ये इतना आसान नहीं है. किम जोंग उन के स्वास्थ्य को लेकर तमाम अटकलों के बीच शनिवार को उनके स्वस्थ होने की जानकारी के साथ ही तस्वीर भी सामने आई है। किम जोंग उन शुक्रवार को एक फर्टिलाइजर प्लांट के उद्घाटन के मौके पर आयोजित समारोह में शामिल हुए।
दुनिया में अपने नाम से दहशत मचाने वाला उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग उन ठीक होने के बाद फिर से दुनिया की तबाही के सपने बुन रहा है. पता चला है कि ठीक होने के बाद तानाशाह सीधे फर्टिलाइजर की फैक्ट्री का मुआयना करने पहुंच गया. भले ही यह फर्टिलाइजर की फैक्ट्री हो, लेकिन इसका मकसद किसानों के लिए खाद बनाना नहीं, बल्कि तबाही का सामान जुटाना है। इस फर्टिलाइजर फैक्ट्री का न्यूक्लियर कनेक्शन बताया जा रहा है।
कोरियाई सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने शनिवार को इस बात की सूचना देते हुए कहा कि किम ने यहां रिबन काटने की रस्म में भाग लिया। सेंचोन फॉस्फेटिक फर्टिलाइजर फैक्ट्री का यह समारोह वर्ल्ड लेबर डे, मई दिवस के मौके पर शानदार तरीके से आयोजित किया गया था। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने केसीएनए के हवाले से कहा, ”सुप्रीम लीडर किम उर्वरक उद्योग के विकास में लगे हुए हैं। उनके पब्लिक में सामने आने के बाद वहां मजूद लोग बेहद खुश नजर आए।” इस मौके पर तानाशाह के साथ उसकी बहन किम यो जोंग सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
मालूम हो कि किम जोंग उन 11 अप्रैल के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से दिखाई दिए हैं। उनके स्वास्थ्य को लेकर तब से ही अटकलें लगाई जा रही थीं जब वह अपने दिवंगत दादा किम इल सुंग की जयंती पर आयोजित समारोह में शामिल नहीं हुए थे। कुछ रिपोर्ट्स में उनके ब्रेन डेड होने की बात कही गई थी। हालांकि, दक्षिण कोरिया और चीन ने किम के स्वास्थ्य को लेकर अटकलों को खारिज किया था।
दावा किया जा रहा है कि यह फर्टिलाइजर प्लांट देश के परमाणु महत्वाकांक्षा से जुड़ा हुआ हो सकता है। पूर्वी एशिया में परमाणु कार्यक्रमों की जानकारी रखने वाले रिसर्चर मार्गारेट क्रो के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर कोरिया का यह फर्टिलाइजर प्लांट किम जोंग उन को न्यूक्लियर प्रोग्राम में मदद कर सकता है। यह प्लांट फासफोरिक एसिड से यूरेनियम निकाल सकता है।
2011 में सत्ता संभालने के बाद से किम जोंग उन का पूरा ध्यान देश की सैन्य और परमाणु शक्ति को बढ़ाने पर रहा है। परमाणु प्रसार को लेकर अमेरिका के साथ टकराव भी रहा। बाद में परमाणु प्रसार ना करने का वादा करते हुए उन्होंने ट्रंप के साथ दोस्ती भी की। लेकिन माना जा रहा है कि इस समय जब दुनिया कोरोना वायरस संक्रमण से लड़ने में व्यस्त है। किम एक बार फिर अपने मंसूबों को अंजाम देने में जुट गए हैं।